आईयूआई: जानिए कैसे पाएं सफलता पहली ही कोशिश में

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आईयूआई अक्सर प्रजनन उपचार का पहला कोर्स होता है जिसे अधिकांश रोगी अपने परिवार को बढ़ाने के लिए आजमाना चाहते हैं। इस प्रक्रिया में शुक्राणुओं को पहले घोल में घोला जाता है, फिर केंद्रित शुक्राणु को कैथेटर (पतली ट्यूब) के साथ सीधे गर्भाशय में रखा जाता है। क्योंकि आईयूआई का उपचार आई वी एफ की तुलना में कम खर्चीला है और कम जोखिम भरा है, इसलिए इस विधि को मरीज अकसर अपने बाँझपन को दूर करने के लिए प्राथमिकता देते हैं।

IUI के सफल परिणाम के लिए कुछ सुझाव (Precautions Before IUI)

1.जोखिम वाले व्यायाम या योगासन पर विचार करें:

   अगर आपको पेट फूलने या श्रोणि में कुछ दर्द महसूस होता है तो आपको अपने मासिक धर्म के तीन से चार दिन के बीच कोई भी ऐसी दवा से परहेज़ करना है जो अंडाशय के अण्डों को उत्तेजित करने वाली हो।

2. योग और आसन की विधि अपनाएँ:

   मानसिक स्वास्थ्य को स्थिर रखने और उसको सभी विकारों से दूर करने के लिए नियमित आसान योग और ध्यान करना प्रभावशाली है। आसन और स्ट्रेच लचीलापन और रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, खासकर श्रोणि क्षेत्र के आसपास, जबकि ध्यान संबंधी पहलू तनाव और चिंता को कम करते हैं जो कभी-कभी प्रजनन उपचार के साथ आते हैं।

3. तैराकी:

   तैराकी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शरीर पर बहुत ज्यादा दबाव बिना हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक ताज़ा तरीका है। यह आरामदायक कसरत है। तैराकी के दौरान शरीर में लचीलेपन से रक्तसंचार की संभावना को बढ़ावा मिलता है और क्योंकि  पानी का उछाल हल्का होता है, जिससे मरीज को कम दबाव महसूस होता है।

4. नियमित सैर करना: 

   मरीज द्वारा नियमित सैर करना उपचार के दौरान काफी सफलदायक पाया गया है, जिससे रक्त संचार में वृद्धि की संभावना बढ़ती है और वजन को संतुलित करते हुए पाचन क्रिया में भी सहायता मिलती है।

5. साइकिलिंग एक अच्छी कसरत:

   यदि आप साइकिलिंग कर सकते हों तो यह भी एक अच्छी कसरत है जो आपकी हृदय गति को संतुलित रखती है और बाहरी पर्यावरण का आनंद प्रदान करने में सहायक होती है।

6. पिलेट्स:

   गर्भाधान और गर्भावस्था के लिए पिलेट्स का प्रयोग आवश्यक है क्योंकि पिलेट्स कोर ताकत, लचीलेपन और संतुलन पर ध्यान केंद्रित करता है। यह व्यायाम कम प्रभाव वाले होते हैं, जिससे वे जोड़ों पर कोमल होते हैं यानी अधिक प्रभाव नहीं डालते हैं। पिलेट्स पैल्विक कोर को मजबूती प्रदान करता है।

7. डांस एरोबिक्स या गाने के साथ नृत्य करना:

   उपचार के दौरान आप डांस एरोबिक करके अपने हृदय की गति को संतुलित करके रक्त संचार को बढ़ा सकते हैं। आप अपनी पसंद की ज़ुम्बा क्लास या तेज़ गानों के साथ कमरे में डांस एरोबिक वाला व्यायाम कर सकते हैं।

8. अच्छे एवं पौष्टिक आहार का सेवन

   आईयूआई की प्रक्रिया के दौरान आप स्वस्थ आहार खाएँ। ताजे फल और सब्जियों का सेवन अच्छे परिणाम में सहायक होता है। ऐसा देखा गया है कि लीन प्रोटीन, स्वस्थ वसा और साबुत अनाज से भरपूर आहार खाने से गर्भावस्था के लिए आपके शरीर को अनुकूल बनाने में काफी मदद मिल सकती है। आपको शराब या धूम्रपान जैसे विषाक्त पदार्थों से बचना चाहिए और अपने कैफीन के सेवन को सीमित करना चाहिए, जिसकी मात्रा प्रतिदिन 200 मिलीग्राम ठीक है। डॉक्टर की सलाह के बाद बाजार में ऐसे विटामिन और सप्लीमेंट भी हैं जिन्हें आप अपनी सफलता की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए ले सकते हैं, साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे प्रसवपूर्व विटामिन भी ले सकते हैं।

9. शुक्राणु संग्रह से दो दिन पहले स्खलन से बचें

   क्योंकि  मरीज को एक अच्छी आशा होती है, अतः ऐसी परिस्थिति में शुक्राणुओं की मात्रा और संख्या से समझौता नहीं किया जा सकता है। पुरुषों को यह ध्यान देना होता है कि IUI उपचार के लिए वीर्य का नमूना एकत्र करते समय नमूने का आकार बड़ा होना और उसमें शुक्राणुओं की अधिक संख्या होना लाभदायक होता है। यदि पुरुष अपना वीर्य नमूना देने से कुछ समय पहले स्खलित हो जाते हैं, तो शुक्राणुओं की मात्रा और संख्या से समझौता हो सकता है। इस प्रक्रिया के प्रारंभ होने से पूर्व अर्थात 1 से 3 दिन के बीच पुरुषों को शुक्राणु के स्खलन से बचना चाहिए।

यह भी जानना आवश्यक है कि IUI से पहले क्या अपेक्षा करें (What to do before IUI Treatment)

1. मूल्यांकन

   पूरे उपचार के समय का मूल्यांकन करके इस विधि की शुरुआत करनी चाहिए, जिसमें प्रजनन की क्षमता और उसका प्राणायाम भी अनुकूल रहे ऐसी अपेक्षा से प्रत्येक कदम उठाना चाहिए।

2. ओवुलेशन

   ओवुलेशन को उत्तेजित करने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह पर आप अपने मासिक धर्म के तीन से चार दिन के अंदर उत्तेजित करने वाली दवाएं ले सकते हैं, परंतु इसमें आपके डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी है।

3. उपचार की फॉलोअप प्रक्रिया

   अच्छे परिणाम के लिए नियमित तौर पर डॉक्टर के परीक्षण केंद्र पर आपको फॉलोअप जांचों से अवश्य गुजरना चाहिए। अपने चक्र के लगभग 10वें दिन, अल्ट्रासाउंड और संभवतः रक्त परीक्षण के लिए CCRM केंद्र में परीक्षण के लिए जाना चाहिए, जिससे अंडाणुओं की विकास की दर और अन्य स्थिति का बेहतर अवलोकन हो सके।

और पढ़ें: https://crystaivf.com/blogs/iui-kya-hai-iui-treatment-in-hindi/

आईयूआई प्रक्रिया के दिन के लिए सुझाव (Things to do on IUI Treatment Day)

1. आपके डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए आप और आपके साथी को आईयूआई प्रक्रिया के दिन पूर्ण तैयारी करनी होगी।

2. आप पूर्ण मूत्राशय के साथ अपने डॉक्टर के परीक्षण केंद्र आएं और आपको पहले से बता दिया जाएगा कि आपको कितना पानी पीना है और कब पीना है। यदि आप ताज़ा वीर्य का नमूना ले रहे हैं तो आप अपने पुरुष साथी के साथ भी समन्वय करेंगे और उस दिन डॉक्टर की निगरानी में अपने उपचार की पूरी प्रक्रिया अपनाएंगे।

जानकारी जो आपको मालूम होनी चाहिए (Important to know in IUI)

1. मूत्र परीक्षण से ओवुलेशन की स्थिति की जानकारी  

   आपको ओवुलेशन का पता लगाने के लिए घर पर मूत्र परीक्षण का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया जा सकता है। पता लगने के बाद, आगे की कार्रवाई के लिए अपनी नर्स को बुलाएं।

2. ट्रिगर शॉट  

   किन्ही परिस्थितियों में ओवुलेशन प्रेरण: यदि आवश्यक हो, तो आपको ओवुलेशन प्रेरित करने के लिए ट्रिगर शॉट लेने के लिए कहा जा सकता है।

3. मुख्य आईयूआई प्रक्रिया  

   क्योंकि शुक्राणु को सबसे तेज़ तैरने वालों को अलग करने और केंद्रित करने के लिए एक विशेष धुलाई से गुजरना पड़ता है। ट्रिगर शॉट के 1-2 दिन बाद, आप CCRM में वापस आ जाएंगे। पुरुष साथी प्रक्रिया से एक घंटे पहले वीर्य का नमूना देता है, या पहले से जमे हुए शुक्राणु का उपयोग किया जाता है।

आईयूआई प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर की सलाह (IUI Doctor Suggestion)

क्योंकि यह प्रक्रिया बहुत ही ध्यान देने योग्य है, अतः मरीज से यह आशा की जाती है कि जब भी उनको पेट फूलना और ऐंठन, स्तन में दर्द, थकान, हल्के धब्बे और श्रोणि में असुविधा वाली स्थिति महसूस हो, तो यह सामान्य है। लेकिन अगर आपको आंखों से धुंधला दिखाई दे रहा है, या आपको श्रोणि में बहुत दर्द हो रहा है, या अचानक 5 पाउंड या उससे ज़्यादा वज़न बढ़ रहा है, या साँस लेने में तकलीफ हो रही है, तो अपने डॉक्टर को बुलाने में संकोच न करें और नियमित रूप से अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें।

आईयूआई विधि से कौन लाभ ले सकता है (Who can go for IUI)

  • ऐसे सभी दंपत्ति जिनमें बांझपन का कोई भी कारण ज्ञात नहीं हो।
  • पुरुष के वीर्य में हल्के से मध्यम वाले शुक्राणुओं में गुणवत्ता की कमी होने पर।
  • डिंबग्रंथि विकार वाली महिलाएं जो प्रजनन दवाओं के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया देती हैं, आईयूआई प्रक्रिया सही साबित होती है।
  • हल्के एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाएं इस विधि से लाभ उठा सकती हैं।
  • दाता शुक्राणु का उपयोग करने वाले समलैंगिक जोड़े इस विधि का लाभ ले सकते हैं।
  • एकल महिलाएं दाता शुक्राणु का उपयोग कर सकती हैं और इस विधि का लाभ उठा सकती हैं।

आईयूआई की सिफारिश कब नहीं की जाती है? (Who should avoid IUI)

  • मध्यम या गंभीर एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाएं इस विधि को नहीं अपना सकती हैं।
  • जिन महिलाओं की फैलोपियन ट्यूब गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त या अवरुद्ध हो, उन्हें इस प्रयोग से बचना चाहिए।
  • पैल्विक संक्रमण या पैल्विक निशान ऊतक का इतिहास रखने वाली महिलाएं इसका लाभ नहीं ले सकती हैं।
  • वे पुरुष जिनमें शुक्राणु नहीं बनते या जिनकी संख्या बहुत कम होती है, इस विधि से बचना चाहिए।

आईयूआई सफलता के उचित कारण (Successful IUI reasons)

किसी भी वैज्ञानिक जैविक प्रयोग में वह विधि आपके लिए कितनी सफल है और इसी श्रेणी में आपके लिए IUI कितना सफल है, यह आपकी उम्र, आपकी प्रजनन क्षमता के निदान और आप कितने समय से गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं, इस पर निर्भर करता है। यह एक नियमित रूप से डॉक्टर की निगरानी में किया जाने वाला इलाज है।

हालाँकि IUI के बाद गर्भवती होने में आपकी मदद करने के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं है, लेकिन IUI से पहले, उसके दौरान और बाद में आप कुछ ऐसे कदम उठा सकते हैं जिससे आपको सफलता की सबसे अच्छी संभावना मिल सके। इन सभी उचित और व्यवस्थित प्रक्रिया को अपनाने से एक सफल आईयूआई (IUI Successful Rate) का परिणाम प्राप्त किया जा सकता है।

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