10 असरदार तरीके: महिलाओं में अंडे की गुणवत्ता कैसे सुधारें – बिना दवा के!

Medically Reviewed By

Dr. Nidhi Sehrawet

Written By Mahima Nigam

May 7, 2025

Last Edit Made By Mahima Nigam

May 7, 2025

Share

आजकल की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी, तनाव, गलत खान-पान और देर से शादी करने की वजह से कई महिलाएं fertility issues का सामना कर रही हैं। खासतौर पर, अंडे की गुणवत्ता (egg quality) गर्भधारण की संभावना को सीधा प्रभावित करती है। अगर अंडे की क्वालिटी सही नहीं है, तो pregnancy chances कम हो जाते हैं, चाहे ovulation सही से हो रहा हो।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि महिलाओं में अंडे की गुणवत्ता को कैसे सुधारा जा सकता है, किन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए, और कौन से foods egg quality improve karte hain।

यह जानना बेहद जरूरी है कि egg quality सिर्फ उम्र से ही नहीं, बल्कि आपकी daily lifestyle, खानपान और mental health से भी जुड़ी होती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, egg reserve और quality दोनों naturally घटने लगते हैं, लेकिन एक सही lifestyle और balanced diet अपनाकर इस decline को काफी हद तक slow किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें - क्या होगा अगर मेरे अंडे निषेचित नहीं होते हैं?

अगर आप मां बनने की प्लानिंग कर रही हैं, तो ज़रूरी है कि आप antioxidant-rich foods जैसे berries, spinach, nuts और seeds को अपनी diet में शामिल करें। इसके अलावा, भरपूर पानी पीना, रोज़ाना moderate exercise करना और नींद पूरी लेना भी reproductive health के लिए बेहद फायदेमंद होता है। साथ ही, smoking और alcohol consumption egg quality पर बुरा असर डालते हैं, इसलिए इनसे पूरी तरह परहेज़ करना चाहिए। Stress management भी बहुत ज़रूरी है क्योंकि chronic stress hormonal imbalance और ovulation में गड़बड़ी ला सकता है।

अंडे की गुणवत्ता क्या होती है? (What is Egg Quality?)

अंडे की गुणवत्ता का मतलब है कि अंडा (अथवा डिंब) गर्भाधान (Fertilization) के लिए कितना स्वस्थ है। उच्च गुणवत्ता वाला अंडा वह होता है जिसमें सही गुणसूत्र (क्रोमोसोम) होते हैं और वह शुक्राणु के साथ मिलकर सफलतापूर्वक निषेचित हो सकता है, जिससे एक स्वस्थ भ्रूण बनता है।

कम अंडा गुणवत्ता के कारण (Low Egg Quality Ke Karan):

  • उम्र का बढ़ना (35 वर्ष की उम्र के बाद अंडों की गुणवत्ता स्वाभाविक रूप से कम होने लगती है)
  • खराब जीवनशैली और असंतुलित आहार
  • तनाव और नींद की कमी
  • धूम्रपान और शराब का सेवन
  • प्रदूषण के संपर्क में आना

महिलाओं में अंडे की गुणवत्ता सीधे रूप से उनकी प्रजनन क्षमता (Fertility) को प्रभावित करती है। अच्छी गुणवत्ता वाले अंडों में आनुवंशिक संरचना (Genetic Integrity) सही बनी रहती है, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, खराब गुणवत्ता वाले अंडों में अक्सर गुणसूत्र की गड़बड़ी होती है, जिससे गर्भधारण में कठिनाई या गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, विशेषकर 35 वर्ष के बाद, अंडों की संख्या (डिंब भंडार) ही नहीं, उनकी गुणवत्ता भी घटने लगती है। इसका मुख्य कारण यह है कि उम्र के साथ डिंबों में कोशिकीय क्षति (Cellular Damage) बढ़ जाती है और वे ऑक्सीडेटिव तनाव (Oxidative Stress) से अधिक प्रभावित होते हैं।

कम गुणवत्ता वाले अंडों के कारण महिलाओं को बार-बार गर्भधारण में असफलता, निषेचन में समस्या और प्रारंभिक गर्भपात जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, हार्मोन असंतुलन जैसे थायरॉयड की समस्या या पीसीओएस (PCOS) भी अंडों की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं।

लेकिन अच्छी बात यह है कि कुछ जीवनशैली में बदलाव और सही आहार अपनाकर अंडे की गुणवत्ता को काफी हद तक सुधारा जा सकता है। इसके लिए उचित पोषण, तनाव-मुक्त दिनचर्या और समय पर चिकित्सा परामर्श लेना आवश्यक है। समय पर योजना बनाना और जागरूकता ही अंडे की सेहत सुधारने की पहली सीढ़ी है।

अंडे की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए क्या खाएं? (Best Foods to Improve Egg Quality Naturally)

अगर आप गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो यह जानना ज़रूरी है कि आपकी डाइट में कौन से खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए जो आपकी प्रजनन क्षमता और अंडे की गुणवत्ता को बेहतर बना सकें। सही पोषण से शरीर में हार्मोन संतुलित रहते हैं और अंडाशय (ovaries) तक रक्त प्रवाह बेहतर होता है, जिससे अंडे मजबूत और स्वस्थ बनते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल और सब्जियाँ (Antioxidant-rich Fruits and Vegetables)

एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करते हैं, जो अंडे की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है जो 30 वर्ष से ऊपर हैं और गर्भधारण की योजना बना रही हैं।

डाइट में शामिल करें:

  • ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, संतरा
  • ब्रोकली, पालक, केल
  • चुकंदर, शिमला मिर्च

इनका नियमित सेवन कोशिकाओं की रक्षा करता है और अंडे की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है।

यह भी पढ़ें - प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए स्वस्थ आहार क्या है?

हेल्दी फैट्स (Healthy Fats)

ओमेगा 3 से अंडों की गुणवत्ता में सुधार: ओमेगा-3 फैटी एसिड हार्मोनल संतुलन बनाए रखते हैं और अंडाशय तक बेहतर रक्त प्रवाह सुनिश्चित करते हैं। यह अंडों को पोषण प्रदान करते हैं और उनके परिपक्व होने में मदद करते हैं।

डाइट में शामिल करें:

  • अलसी के बीज (फ्लैक्स सीड्स)
  • चिया सीड्स
  • अखरोट
  • फैटी मछली जैसे सालमन (यदि आप मांसाहारी हैं)

यह बीज और मेवे उन महिलाओं के लिए बेहद लाभदायक हैं जो प्राकृतिक रूप से अंडों की गुणवत्ता सुधारना चाहती हैं।

प्रोटीन (Protein)

अंडे के विकास के लिए प्रोटीन: प्रोटीन युक्त आहार शरीर को आवश्यक अमीनो एसिड प्रदान करता है जो अंडे की कोशिकाओं को मजबूत बनाते हैं और ओवुलेशन को नियमित करते हैं।

डाइट में शामिल करें:

  • पनीर
  • अंडे (हां, अंडा खाने से भी ओवुलेशन बेहतर होता है)
  • दालें
  • गाढ़ा दही (ग्रीक योगर्ट)

ये खाद्य पदार्थ महिला प्रजनन प्रणाली को मज़बूत बनाते हैं और गर्भधारण के प्रयासों को सफल बना सकते हैं।

कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट बनाम रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट

पीसीओएस में उपयुक्त आहार: रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे मैदा, सफेद चावल और चीनी, इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ाते हैं जिससे ओवुलेशन पर नकारात्मक असर पड़ता है।

परहेज़ करें:

  • मैदा
  • सफेद चावल
  • चीनी

सहज विकल्प:

  • ब्राउन राइस
  • ओट्स
  • क्विनोआ

ये विकल्प रक्त शर्करा को संतुलित रखते हैं और हार्मोन को स्थिर बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे पीरियड्स नियमित रहते हैं और अंडे की गुणवत्ता सुधरती है।

यह भी पढ़ें - क्या थायरॉयड गर्भावस्था में बच्चे को प्रभावित करता है?

अंडे की गुणवत्ता सुधारने के लिए जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes to Improve Egg Quality)

महिलाओं में (egg quality improve kaise karein) यह सवाल आजकल आम हो गया है, खासकर जब वो गर्भधारण की योजना बना रही होती हैं। सिर्फ सही खानपान ही नहीं, बल्कि आपकी रोज़मर्रा की जीवनशैली की आदतें भी (egg health) को गहराई से प्रभावित करती हैं।

नियमित व्यायाम (exercise for fertility) आपके शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है जिससे अंडाशय (ovaries) तक ज़रूरी पोषण और ऑक्सीजन पहुंचती है। रोज़ाना हल्का व्यायाम जैसे सूर्य नमस्कार, प्राणायाम और तेज़ चलना (brisk walking) तनाव को कम करता है और हार्मोन को संतुलन में रखता है। ये सब मिलकर (foods to increase egg quality) के असर को और बढ़ा देते हैं। ध्यान रखें कि बहुत अधिक या ज़्यादा थकाने वाला व्यायाम (egg quality ko harm kar sakta hai)।

पूरी नींद लेना भी बेहद ज़रूरी है। जब आप रोज़ाना 7-8 घंटे की गहरी नींद लेती हैं तो शरीर में मेलाटोनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट सक्रिय होता है, जो अंडों को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है। यह एक असरदार (natural way to boost egg quality) माना जाता है।

तनाव कम करना (stress and fertility connection) गर्भधारण में सहायक होता है। मेडिटेशन, किताबें पढ़ना, हल्का संगीत सुनना या मनपसंद शौक अपनाने से मानसिक तनाव घटता है, जिससे प्रजनन से जुड़े हार्मोन बेहतर काम करते हैं। आप चाहें तो (stress kam karne ke upay for fertility) जैसे घरेलू उपाय भी आज़मा सकती हैं।

किन चीज़ों से परहेज़ करें? (What to Avoid for Better Egg Health)

अगर आप अंडों की गुणवत्ता को बेहतर बनाना चाहती हैं, तो सिर्फ़ अच्छा खानपान और जीवनशैली अपनाना ही काफी नहीं है — आपको कुछ आदतों से परहेज़ भी करना होगा। बहुत सी महिलाएं अनजाने में ऐसी चीज़ें अपनी दिनचर्या में शामिल करती हैं जो उनके प्रजनन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हैं।

धूम्रपान और शराब का सेवन (smoking aur alcohol) सबसे पहले परहेज़ की सूची में आते हैं। ये दोनों आदतें शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) बढ़ाती हैं, जिससे अंडे की कोशिकाएं कमजोर हो जाती हैं। लंबे समय तक इनका सेवन करने से अंडों की गुणवत्ता गिरती है और गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है। इसलिए जो महिलाएं गर्भधारण की योजना बना रही हैं, उन्हें यह समझना ज़रूरी है कि (lifestyle habits that lower fertility) में धूम्रपान और शराब प्रमुख कारण हैं।

इसके अलावा, कैफीन का अधिक सेवन भी नुकसानदेह हो सकता है। अगर आप दिन में तीन या उससे ज़्यादा कप चाय या कॉफी ले रही हैं, तो यह अंडे की गुणवत्ता (egg quality) को प्रभावित कर सकता है। कोशिश करें कि सामान्य चाय या कॉफी की जगह हर्बल चाय जैसे कैमोमाइल या ग्रीन टी को अपनाएं, जो शरीर को शांत रखती है और नींद भी बेहतर बनाती है।

इन छोटी-छोटी चीज़ों का ध्यान रखकर आप अपने अंडों की गुणवत्ता को बेहतर बना सकती हैं और गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ा सकती हैं।

अंडे की गुणवत्ता के लिए सप्लीमेंट्स (डॉक्टर की सलाह से)

कई बार संतुलित आहार और सही जीवनशैली अपनाने के बावजूद भी शरीर को कुछ विशेष पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, खासकर तब जब महिला गर्भधारण की कोशिश कर रही हो या उसकी उम्र 30 वर्ष से ज़्यादा हो। ऐसे में कुछ विशेष पोषक पूरक (supplements) अंडों की गुणवत्ता सुधारने में मदद कर सकते हैं।

डॉक्टर अक्सर कुछ सप्लीमेंट्स की सलाह देते हैं जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बेहतर करने में सहायक माने जाते हैं। सबसे पहले आता है को-क्यू 10 (CoQ10), जिसे उबिक्विनॉल भी कहा जाता है। यह अंडों की कोशिकाओं में ऊर्जा निर्माण में मदद करता है और उन्हें मज़बूती देता है।

विटामिन डी हार्मोन संतुलन बनाए रखने के लिए ज़रूरी है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो धूप में कम समय बिताती हैं।

फोलिक एसिड ओव्युलेशन (अंडोत्सर्ग) को बेहतर बनाता है और गर्भ में बच्चे के विकास में सहायक होता है।

जिंक और सेलेनियम अंडों को कोशिकीय क्षति से बचाते हैं और उन्हें स्वस्थ बनाए रखते हैं।

ध्यान दें कि ये सभी सप्लीमेंट्स (supplements to improve egg quality) डॉक्टर की निगरानी में ही लिए जाने चाहिए। खुद से कोई भी दवा लेना हानिकारक हो सकता है।यदि आप गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो इन पूरकों के बारे में अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श ज़रूर करें। सही समय पर लिया गया उपचार भविष्य में बेहतर परिणाम दे सकता है।

प्राकृतिक उपाय और देसी नुस्खे (Natural Remedies & Desi Nuskhe)

महिलाओं में अंडों की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए कई घरेलू और प्राकृतिक उपाय सदियों से अपनाए जाते रहे हैं। ये उपाय विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए फायदेमंद हैं जो रासायनिक दवाओं से दूर रहकर (home remedies to improve female fertility) अपनाना चाहती हैं।

अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो मानसिक तनाव को कम कर हार्मोन को संतुलन में लाने में मदद करती है। यह थायरॉइड और प्रजनन तंत्र के लिए लाभकारी मानी जाती है।

शतावरी महिलाओं के संपूर्ण प्रजनन स्वास्थ्य को सुधारती है। यह गर्भधारण की संभावना को बढ़ाती है और मासिक धर्म चक्र को नियमित करती है।

हल्दी वाला दूध शरीर में सूजन कम करता है और आंतरिक सफाई में सहायक होता है।

अजवाइन का पानी पीसीओएस (PCOS) के लक्षणों को कम करने में उपयोगी है और मासिक धर्म की अनियमितता में राहत देता है।

इन देसी उपायों को रोज़मर्रा की जीवनशैली में शामिल कर महिलाएं (ghar ke nuskhe for egg health) को आजमा सकती हैं।

यह भी पढ़ें - क्या दालचीनी का सेवन महिलाओं में प्रजनन क्षमता में सुधार करता है?

उम्र के साथ अंडे की गुणवत्ता कैसे बदलती है (How Age Affects Egg Quality)

हर महिला के शरीर में एक निश्चित संख्या में अंडे होते हैं, जो उम्र के साथ घटते जाते हैं। सिर्फ संख्या ही नहीं, बल्कि अंडों की गुणवत्ता भी समय के साथ कम होती जाती है। यही वजह है कि उम्र का प्रजनन क्षमता पर गहरा असर पड़ता है।

25 वर्ष की उम्र को सबसे उपयुक्त माना जाता है, जब अंडे सबसे अच्छे स्वास्थ्य में होते हैं। 30 से 35 वर्ष की उम्र के बीच धीरे-धीरे गिरावट शुरू होती है। 35 वर्ष के बाद यह गिरावट तेज़ हो जाती है और 40 की उम्र पार करते ही प्राकृतिक गर्भधारण की संभावना काफ़ी कम हो जाती है। इसलिए बहुत सी महिलाएं इस उम्र में (egg freezing in India) जैसे विकल्पों पर विचार करने लगती हैं ताकि भविष्य में गर्भधारण संभव हो सके।

अंडों की गुणवत्ता को सुधारना कोई एक दिन का काम नहीं है, यह एक प्रक्रिया है। अगर आप गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो बेहतर होगा कि अभी से इन बातों पर ध्यान देना शुरू करें। संतुलित भोजन, तनावमुक्त जीवन, पर्याप्त नींद, सही सप्लीमेंट्स और नियमित व्यायाम से धीरे-धीरे अंडों की स्थिति में सुधार संभव है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

क्या फाइब्रॉइड्स से अंडों की गुणवत्ता पर असर पड़ता है?

हाँ, गर्भाशय में फाइब्रॉइड्स अंडों के निषेचन और भ्रूण के बनने की प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं।

क्या 35 वर्ष के बाद अंडों की गुणवत्ता सुधारी जा सकती है?

हाँ, लेकिन यह चुनौतीपूर्ण होता है। संतुलित आहार और पोषक तत्वों की मदद से कुछ हद तक सुधार किया जा सकता है।

क्या इन विट्रो प्रक्रिया (IVF) में भी अंडों की गुणवत्ता जरूरी होती है?

बिलकुल, अगर अंडे स्वस्थ नहीं हैं तो भ्रूण बनने की संभावना कम हो जाती है।

अंडों की गुणवत्ता सुधारने में कितना समय लगता है?

सामान्यतः 3 से 4 महीने में अच्छे परिणाम दिख सकते हैं, बशर्ते आप नियमित रूप से सही जीवनशैली अपनाएं।

अधिक ब्लॉग पढ़ें -

पीसीओडी के कारण और लक्षण - जानें कैसे आप घर बैठे पा सकती हैं राहत!

जानिए बच्चेदानी में सूजन का इलाज

एंडोमेट्रियोसिस क्या है?

Disclaimer

As per the "PCPNDT" (Regulation and Prevention of Misuse) Act, 1994, Gender Selection and Determination is strictly prohibited and is a criminal offense. Our centers strictly do not determine the sex of the fetus. The content is for informational and educational purposes only. Treatment of patients varies based on his/her medical condition. Always consult with your doctor for any treatment.

Call Now : +91-8938935353

Book Free IVF Consultation

Fill in the details below to get FREE IVF consultation instantly.

Phone

By continuing, you agree to our T&CandPrivacy Policies

Opt-in for WhatsApp updates

Popular Posts

Popular Posts

Pay in Easy EMI @ 0% Interest Rate

Click to Call Us

Call Us