लो एएमएच क्यों होता है?

लो एएमएच क्यों होता है, why does low AMH happen

Why does low AMH happen?

एएमएच (AMH) या एंटी म्युलेरियन हार्मोन (anti mullerian hormone) महिलाओं के अंदर पाया जाने वाला हार्मोन है। यह हार्मोन ओवरी (Hormone ovary) में बनता है और इसके लेवल से पता चलता है कि एक महिला मां बन सकती है या नहीं । अगर एएमएच टेस्ट में महिला के अंदर इस हार्मोन का स्तर कम पाया जाता है तो महिला को गर्भधारण (pregnancy) में परेशानी हो सकती है। अपने शरीर में इस हार्मोन की मात्रा को बढ़ाने के लिए अपने हेल्थी फ़ूड का सेवन करें जैसे विटामिन डी। एएमएच का स्तर बढ़ाने के लिए आप अपने अंदर कुछ अच्छी एवं हेल्थी आदतों को विकसित कर सकते हैं जैसे; स्ट्रेस कम लेना, अच्छा खाना खाना, रोज कसरत करना, धूम्रपान न करना, आदि।


क्या होता है एएमएच हार्मोन? (What is AMH hormone?)

एएमएच का मतलब होता है एंटी म्युलेरियन हार्मोन। यह हार्मोन महिलाओं में पाया जाता है और ओवरी के अंदर मौजूद फॉलिकल से बनता है। यह हार्मोन लाखों एग्स के साथ बनता है और जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है इसकी मात्रा कम होती जाती है। इस हार्मोन की मात्रा की जांच उन महिलाओं के अंदर की जाती है जिन्हें लंबे समय से कंसीव करने में दिक्कत हो रही हो। एएमएच का स्तर कम होने का मतलब होता है कि महिला के अंदर एग्स की संख्या में कमी आ गई है जिसकी वजह से कंसीव (conceive) करने में परेशानी हो सकती है।


लो एएमएच स्तर के कारण (Reasons of low AMH level)

लो एएमएच स्तर के कई कारण हो सकते हैं जो कि नीचे दिए गए हैं:


उम्र (Age) – 

महिलाओं के अंदर लो एएमएच स्तर का सबसे बड़ा कारण उम्र होती है। सभी महिलाओं में उनके जन्म से ही इमैच्योर एग्स (immature eggs) की सप्लाई होती है जो कि पूरी जिंदगी रहती है। यह एग्स मैच्योर होने पर ओवुलेशन साइकिल के दौरान मेनोपॉज तक इस्तेमाल किए जाते हैं। समय के साथ ओवेरियन रिजर्व घट जाता है और महिला की उम्र के साथ ही एएमएच का स्तर भी घटता है। इसी कारण 35 की उम्र तक महिला की फर्टिलिटी काफी हद तक घट जाती है।


खराब डाइट (Unhealthy Diet) –

एएमएच का स्तर कम होने का दूसरा मुख्य कारण है खराब डाइट। खराब खाना खाने से मोटापा आता है जिसकी वजह से कई तरह की प्रजनन संबंधी दिक्कतें आने लगती हैं जिसमें लो एएमएच स्तर भी शामिल है। इसके अलावा कुछ अध्ययन बताते हैं कि अगर शरीर में विटामिन डी की कमी है तो एएमएच का स्तर कम हो सकता है और फर्टिलिटी पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि एक महिला को सही एएमएच स्तर बनाए रखने के लिए एक संतुलित आहार लेने की जरूरत होती है।


पिछला मेडिकल रिकॉर्ड (Previous medical history) –

अगर किसी महिला का चिकित्सा संबंधी इतिहास सही नहीं है तो भी एएमएच के स्तर में कमी आ सकती है। ऐसे कई उदाहरण देखे गए हैं जहां पर एक 20 या 30 साल की महिला में भी लो एएमएच पाया जाता है। अगर एक महिला ने अतीत में उसके रीप्रोडक्टिव सिस्टम (reproductive system) जैसे; हार्मोन में असामान्यता अनुभव की थी या उसकी ओवरी की सर्जरी हुई थी तो उसका एएमएच स्तर कम हो सकता है।


मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य (Mental and Emotional Health) –

लो एएमएच का अगला कारण है तनाव। अगर एक महिला कंसीव करना चाहती है तो उसका दिमागी तौर पर स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। अगर वह वह किसी दबाव, तनाव या मानसिक परेशानी से जूझ रही है तो उसके लिए कंसीव करना मुश्किल हो सकता है। इन परेशानियों से दूर रहने से एक महिला के एएमएच स्तर को सामान्य किया जा सकता है।


एम एच हार्मोन का स्तर सामान्य करने के लिए क्या खाएं? (What to Eat to Normalize MH Hormone level?)


विटामिन डी (Vitamin D) –

रोज प्रचुर मात्रा में विटामिन डी लें। अगर आपको लैक्टोस से एलर्जी है तो आप विटामिन डी का सप्लीमेंट (Supplements) भी ले सकते हैं। कई अध्ययन में यह बताया गया है कि विटामिन डी का स्तर कम होने की वजह से एएमएच का स्तर भी कम हो जाता है। एग्स की संख्या को बढ़ाने के लिए विटामिन डी को काफी जरूरी माना जाता है। विटामिन डी का मुख्य स्रोत है, दूध, अंडे, सूरज की किरणें, आदि।


हरी सब्जियां और मसाले (Green Vegetables and Spices) –

हरी सब्जियां खाने से भी एएमएच हार्मोन का स्तर बढ़ता है। डॉक्टर के द्वारा मौसम की सभी हरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है जैसे ब्रोकली, पालक, बींस, आदि। यह और भी अच्छा होगा अगर इन सब्जियों को पका कर खाने की जगह सलाद के रूप में खाएं। मसालों में आप अदरक और हल्दी को अपने खाने में शामिल कर सकते हैं, इसके अलावा आप इसका सेवन रात में दूध में मिलाकर भी कर सकते हैं।


सीड्स (Seeds)

आप अपने खाने में सीसम सीड्स, पंपकिन सीड्स भी शामिल कर सकते हैं। इन्हें सुबह उठकर एक गिलास पानी के साथ या फिर शाम को नाश्ते में भी लिया जा सकता है। सीड्स के अतिरिक्त बेरीज़ जैसे ब्लूबेरी या स्ट्रौबरी भी उच्च एएमएच के स्तर के लिए उपचार हैं।इसके साथ ही आप अपने खाने में फिश ऑयल और डीएचईए सप्लीमेंट को भी शामिल कर सकते हैं जो उच्च एएमएच स्तर और गर्भावस्था के लिए उपयोगी हो सकता है।

उसके बाद भी अगर आपको किसी प्रकार की दिक्कत आती है तो आप क्रिस्टा आईवीएफ (Crysta IVF) का रुख कर सकते हैं। इनफर्टिलिटी (Infertility) हेल्थ केयर सेंटर में 50 से अधिक मेडिकल प्रोफेशनल काम करते हैं जिन्हें 20 से अधिक सालों का अनुभव है। क्रिस्टा आईवीएफ को इसी मिशन के साथ बनाया गया था कि पूरे देश में प्रजनन और फर्टिलिटी की दिक्कतों से जूझ रहे दंपतियों को माता-पिता बनने का सुख दिया जा सके।

Ritish Sharma

Ritish Sharma is a professional healthcare writer who has a good understanding of medical research and trends. He has expertise in clearly communicating complex medical information in an easy-to-understand manner. His writing helps people make informed decisions about their health and take control of their well-being.