गर्भधारण के लिए शुक्राणु की संख्या कितनी होनी चाहिए?

Medically Reviewed By

Dr. Nidhi Sehrawet

Written By Mahima Nigam

June 24, 2025

Last Edit Made By Mahima Nigam

June 24, 2025

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गर्भधारण (pregnancy) की प्रक्रिया केवल महिला की जिम्मेदारी नहीं होती, बल्कि पुरुष की प्रजनन क्षमता (male fertility) भी उतनी ही अहम होती है। जब कोई दंपत्ति बच्चा पैदा करने की योजना बनाते हैं और कुछ महीनों तक सफलता नहीं मिलती, तो ज़्यादातर लोग महिला की जांच कराते हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि लगभग 30% मामलों में पुरुष की समस्या (male infertility) गर्भधारण न होने की वजह होती है।

पुरुषों में सबसे आम समस्या होती है — कम शुक्राणु की संख्या (low sperm count)। अगर पुरुष के शुक्राणु पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं या वे ठीक से गतिशील नहीं हैं, तो गर्भधारण कठिन हो सकता है। शुक्राणु का अंडाणु तक पहुँचना और उसे निषेचित करना ही संतानोत्पत्ति की पहली शर्त होती है।

इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि गर्भधारण के लिए कितने शुक्राणु चाहिए होते हैं, और अगर कम हों तो क्या इलाज संभव है। यही जानकारी इस ब्लॉग में विस्तार से दी जा रही है।

शुक्राणु क्या होता है और इसका गर्भधारण में क्या रोल है? (What is Sperm and its Role in Pregnancy)

शुक्राणु (sperm) पुरुष के शरीर में बनने वाली वह कोशिका होती है, जिसका कार्य महिला के अंडाणु (egg) को निषेचित करना है। यह निषेचन ही गर्भधारण (fertilization and pregnancy) की शुरुआत होती है। जब कोई पुरुष वीर्य (semen) स्खलित करता है, तो उसमें लगभग 200 से 300 मिलियन शुक्राणु होते हैं। लेकिन अंडाणु तक पहुँचने और उसे निषेचित करने में केवल कुछ ही शुक्राणु सक्षम हो पाते हैं।

हर शुक्राणु में एक सिर होता है जिसमें DNA होता है, और एक पूंछ होती है जिससे वह गति करता है। यदि शुक्राणु की पूंछ ठीक से काम नहीं करती या उसका आकार असामान्य होता है, तो वह अंडाणु तक नहीं पहुँच पाता।

गर्भधारण की संभावना तभी बनती है जब शुक्राणु की संख्या पर्याप्त हो, वे गतिशील हों और उनका रूप सही हो। इसलिए किसी भी दंपत्ति को प्रजनन की समस्या होने पर केवल महिला की नहीं, पुरुष की जांच भी जरूरी होती है।

गर्भधारण के लिए शुक्राणु की न्यूनतम संख्या कितनी होनी चाहिए? (Minimum Required Sperm Count for Conception)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एक स्वस्थ पुरुष के वीर्य में प्रति मिलीलीटर कम से कम 15 मिलियन शुक्राणु (sperm count) होने चाहिए। यदि पूरे सैंपल में 39 मिलियन या उससे अधिक शुक्राणु (total sperm count) हैं तो उसे सामान्य माना जाता है।

इसके साथ ही शुक्राणु की गतिशीलता (sperm motility) भी महत्वपूर्ण होती है — कम से कम 40% शुक्राणु ऐसे होने चाहिए जो अंडाणु तक पहुँचने के लिए पर्याप्त तेज़ी से आगे बढ़ सकें। वहीं, 4% या अधिक शुक्राणु का आकार (sperm morphology) सामान्य होना चाहिए।

अगर संख्या कम है, तो इसे ओलिगोस्पर्मिया (oligospermia) कहा जाता है। बहुत कम मामलों में शुक्राणु शून्य होते हैं, जिसे अजोस्पर्मिया (azoospermia) कहते हैं। कम संख्या और कमजोर गुणवत्ता होने पर प्राकृतिक रूप से गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है, लेकिन सही समय पर इलाज लेकर सफलता प्राप्त की जा सकती है।

कम शुक्राणु संख्या के कारण (Causes of Low Sperm Count)

शुक्राणु की संख्या कम (low sperm count) होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं — जिनमें लाइफस्टाइल, मेडिकल और पर्यावरणीय कारण शामिल होते हैं। सबसे पहले, लंबे समय तक तनाव (stress) और मानसिक दबाव शरीर में हार्मोन असंतुलन पैदा कर सकते हैं, जिससे शुक्राणु का निर्माण धीमा हो जाता है।

धूम्रपान (smoking), शराब (alcohol) और अन्य नशे की चीजें शुक्राणु की गुणवत्ता को नुकसान पहुँचाती हैं। अधिक गर्म वातावरण, जैसे गोद में लैपटॉप रखना, टाइट अंडरवियर पहनना या गर्म पानी से नहाना भी अंडकोष को नुकसान पहुंचा सकता है।

मोटापा (obesity), थायरॉइड (thyroid), डायबिटीज और कुछ हार्मोनल समस्याएं भी शुक्राणु की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं। कुछ पुरुषों में शुक्राणु मार्ग में अवरोध (blockage in sperm ducts) की वजह से भी शुक्राणु बाहर नहीं आ पाते।

समस्या चाहे जो भी हो, समय रहते जांच और इलाज शुरू करने से स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।

बहुत अच्छा! अब मैं नीचे बचे हुए सभी सेक्शन — हर एक को 150 शब्दों से विस्तार करके — सरल हिंदी भाषा में और English keywords के साथ पेश कर रही हूँ:

यह भी पढ़ें- कमजोर शुक्राणु? जानें लक्षण, कारण और वीर्य बढ़ाने के अचूक उपाय!

शुक्राणु की संख्या कैसे बढ़ाएं? (How to Increase Sperm Count Naturally)

कम शुक्राणु की संख्या (low sperm count) आजकल एक सामान्य समस्या बनती जा रही है, लेकिन अच्छी बात यह है कि लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव और पोषण संबंधी सुधार से इसे काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। सबसे पहला कदम है — संतुलित आहार (balanced diet for fertility)। अपने भोजन में विटामिन C, विटामिन D, जिंक, ओमेगा-3 फैटी एसिड, फोलिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजें शामिल करें।

तनाव (stress) कम करना बहुत जरूरी है। नियमित रूप से योग, प्राणायाम और ध्यान (meditation) करें ताकि मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो और हार्मोन संतुलन बना रहे। शराब, सिगरेट और ड्रग्स (alcohol, smoking, drugs) से पूरी तरह दूरी बनाए रखें।

व्यायाम (exercise) जरूर करें, लेकिन अत्यधिक जिमिंग या स्टेरॉयड के प्रयोग से बचें क्योंकि ये भी शुक्राणु उत्पादन पर बुरा असर डालते हैं। अंडकोष को गर्मी से बचाएं (avoid scrotal heat exposure) — टाइट कपड़े या गोद में लैपटॉप रखने से भी परहेज़ करें।

अगर आप इन सभी उपायों का पालन करते हैं, तो 2 से 3 महीने में शुक्राणु की गुणवत्ता और संख्या में सकारात्मक बदलाव दिख सकता है।

शुक्राणु जांच कैसे की जाती है? (How is a Semen Analysis Done?)

अगर किसी दंपत्ति को गर्भधारण में परेशानी आ रही हो, तो सबसे पहले पुरुष का वीर्य परीक्षण (semen analysis) कराना चाहिए। यह एक सरल और दर्दरहित लैब टेस्ट होता है जिसमें शुक्राणु की संख्या (sperm count), गति (motility), आकार (morphology), और अन्य गुणों की जांच की जाती है।

इस टेस्ट के लिए पुरुष को आमतौर पर 2 से 5 दिनों तक यौन संयम (sexual abstinence) रखना होता है। इसके बाद वीर्य का नमूना एक स्वच्छ कंटेनर में दिया जाता है जिसे प्रयोगशाला में माइक्रोस्कोप द्वारा जांचा जाता है। इस प्रक्रिया से यह पता चलता है कि शुक्राणु कितने हैं, कितने सक्रिय हैं, और उनका आकार सही है या नहीं। अगर रिपोर्ट में गड़बड़ी आती है, तो डॉक्टर कभी-कभी 2-3 बार जांच दोहराने की सलाह देते हैं ताकि सटीक आंकड़े मिल सकें। यह जांच गर्भधारण से जुड़ी योजना बनाने में एक बहुत अहम कदम होता है, और इसे लेकर पुरुषों को झिझकने की आवश्यकता नहीं है।

Crysta IVF में Semen Test और विशेषज्ञ परामर्श

अगर आप पुरुष प्रजनन क्षमता को लेकर चिंतित हैं और semen test in Crysta IVF कराना चाहते हैं, तो यह एक विश्वसनीय और सुविधाजनक विकल्प है। Crysta IVF में अत्याधुनिक तकनीक और अनुभवी एंड्रोलॉजिस्ट्स की मदद से सटीक और गोपनीय जांच की जाती है।

Crysta IVF में मिलने वाली सुविधाएं:

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अगर आप गर्भधारण की योजना बना रहे हैं, तो Crysta IVF में sperm test करवा कर पहला और सही कदम उठाएं। सही समय पर की गई जांच आपके पेरेंटहुड के सफर को आसान बना सकती है।

कब डॉक्टर से मिलना चाहिए? (When Should You See a Fertility Specialist?)

अगर आप 12 महीने तक नियमित असुरक्षित यौन संबंध (unprotected sex) बना रहे हैं और फिर भी गर्भधारण नहीं हो रहा है, तो यह फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से मिलने का समय है। पुरुषों को यह समझना चाहिए कि गर्भधारण न होने की वजह सिर्फ महिला नहीं होती — पुरुषों में भी प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। नीचे कुछ संकेत दिए गए हैं जिन पर डॉक्टर से मिलना ज़रूरी हो जाता है:

  • वीर्य (semen) की मात्रा या रंग में बदलाव
  • अंडकोष में सूजन या दर्द (testicular pain)
  • संबंध बनाने या इरेक्शन में समस्या (sexual dysfunction)
  • पहले किसी यौन संक्रमण (STI) या चोट का इतिहास
  • लगातार तनाव या मानसिक परेशानी
  • थायरॉइड, डायबिटीज या मोटापा जैसी बीमारियाँ

Crysta IVF के डॉक्टर क्यों चुनें?

Crysta IVF भारत के अग्रणी फर्टिलिटी क्लीनिकों में से एक है, जहाँ अनुभवी और सर्टिफाइड फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट आधुनिक तकनीकों और व्यक्तिगत देखभाल के साथ उपचार प्रदान करते हैं। यहाँ के डॉक्टर न सिर्फ मेडिकल ट्रीटमेंट पर ध्यान देते हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक सहयोग भी देते हैं जिससे आपको एक भरोसेमंद माहौल मिलता है।

Crysta IVF में मिलती है:

  • उन्नत फर्टिलिटी जांच और उपचार
  • पुरुष और महिला दोनों के लिए विशेष जांच
  • अनुभवी एंड्रोलॉजिस्ट और फर्टिलिटी एक्सपर्ट्स
  • गोपनीयता और काउंसलिंग की सुविधा
  • पर्सनलाइज़्ड ट्रीटमेंट प्लान

अगर आप भी लंबे समय से कंसीव नहीं कर पा रहे हैं, तो Crysta IVF के विशेषज्ञों से अपॉइंटमेंट लें — सही समय पर कदम उठाना बेहद ज़रूरी है। समय पर जांच और इलाज शुरू किया जाए, तो 90% से अधिक मामलों में सुधार संभव है। डॉक्टर से मिलना कमजोरी का नहीं, समझदारी और ज़िम्मेदारी का संकेत होता है।

कम शुक्राणु संख्या के लिए उपचार (Treatment for Low Sperm Count)

अगर नेचुरल उपायों (natural remedies) से भी शुक्राणु की संख्या में सुधार नहीं हो रहा, तो डॉक्टर कुछ मेडिकल उपचार की सलाह देते हैं। इनमें सबसे पहला होता है – दवाइयों और सप्लिमेंट्स (medications & supplements) द्वारा हार्मोन को संतुलित करना। कई बार केवल विटामिन C, D और जिंक के सप्लिमेंट से भी फर्क दिखता है।

अगर शुक्राणु मार्ग में रुकावट (obstruction in sperm ducts) है, तो डॉक्टर सर्जरी (surgical treatment) का सुझाव दे सकते हैं। वहीं अगर शुक्राणु की संख्या बहुत कम है, तो आधुनिक तकनीकें जैसे IUI (intrauterine insemination) और IVF (in-vitro fertilization) गर्भधारण में मदद कर सकती हैं।

कुछ मामलों में TESE या PESA जैसी प्रक्रियाओं से अंडकोष से सीधे शुक्राणु निकाले जाते हैं और IVF के ज़रिए निषेचन किया जाता है।

हर पुरुष की स्थिति अलग होती है, इसलिए इलाज डॉक्टर की सलाह और टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार ही किया जाना चाहिए।

आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में पुरुष प्रजनन क्षमता (male fertility) पर कई चीजों का असर पड़ रहा है — जैसे तनाव, गलत खानपान, प्रदूषण, और आदतें। ऐसे में अगर शुक्राणु की संख्या कम है, तो यह कोई शर्म की बात नहीं, बल्कि एक स्वास्थ्य संबंधी स्थिति है जिसे समझदारी और इलाज से ठीक किया जा सकता है।

शुक्राणु की सही संख्या (healthy sperm count), गतिशीलता (motility), और बनावट (morphology) — ये तीनों चीज़ें मिलकर गर्भधारण की प्रक्रिया को संभव बनाती हैं। अगर इनमें से कोई भी प्रभावित हो, तो तुरंत जांच कराना और डॉक्टर से मिलना जरूरी है।

समय रहते लिया गया निर्णय न सिर्फ आपके पिता बनने के सपने को पूरा कर सकता है, बल्कि रिश्ते में भी समझ और संतुलन बनाए रखता है। इसलिए खुलकर बात करें, जांच कराएं, और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।

Disclaimer

As per the "PCPNDT" (Regulation and Prevention of Misuse) Act, 1994, Gender Selection and Determination is strictly prohibited and is a criminal offense. Our centers strictly do not determine the sex of the fetus. The content is for informational and educational purposes only. Treatment of patients varies based on his/her medical condition. Always consult with your doctor for any treatment.

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