एएमएच टेस्ट क्या होता है? महिलाएं कैसे जान सकती हैं अपनी प्रजनन क्षमता - Crysta IVF

Dr. Poonam Mishra

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Dr. Poonam Mishra

Written By Crysta IVF

January 20, 2025

Last Edit Made By Crysta IVF

January 20, 2025

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एएमएच (AMH) क्या है? (What is AMH?)

एएमएच का पूरा नाम 'एंटी-मुलरियन हार्मोन' (Anti-Müllerian Hormone) है। यह हार्मोन अंडकोष (ovaries) द्वारा उत्पन्न होता है, और यह अंडाणु की संख्या और गुणवत्ता का संकेत देता है। एएमएच हार्मोन महिलाओं के अंडकोष में मौजूद अंडाणु की कोशिकाओं द्वारा पैदा होता है, और यह अंडाणु कोशिकाओं के विकास को नियंत्रित करता है। एएमएच हार्मोन के स्तर से यह पता चलता है कि अंडकोष में कितने अंडाणु मौजूद हैं और महिला की प्रजनन क्षमता कैसी है। इस टेस्ट का उपयोग विशेष रूप से महिलाओं की प्रजनन प्रणाली की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है।

एएमएच टेस्ट का महत्व (Importance of AMH Test)

  • एएमएच टेस्ट का एक्जामिनेशन में योगदान
  • एएमएच टेस्ट प्रजनन स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, क्योंकि यह महिलाओं की प्रजनन क्षमता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। आजकल महिलाओं को करियर और जीवन के अन्य पहलुओं में प्राथमिकताएं देने के कारण प्रजनन संबंधी मुद्दे कभी-कभी अधिक गंभीर हो जाते हैं। ऐसे में, एएमएच टेस्ट गर्भधारण की संभावना और समय सीमा को निर्धारित करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बन जाता है।

  • प्रजनन संबंधी समस्याओं का प्रारंभिक पहचान
  • एएमएच टेस्ट की मदद से डॉक्टर यह जान सकते हैं कि महिला के अंडकोष में अंडाणु की संख्या कितनी है। यह टेस्ट प्रजनन संबंधी समस्याओं का पता लगाने के लिए शुरुआती कदम हो सकता है। अगर इस टेस्ट में एएमएच का स्तर सामान्य से कम पाया जाता है, तो यह गर्भधारण में समस्याओं की संभावना को पहले से चेतावनी देने वाला संकेत हो सकता है।

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एएमएच टेस्ट और आयु (AMH Test and Age)

  • उम्र के साथ एएमएच का स्तर
  • समय के साथ महिलाओं का एएमएच स्तर घटता है, जो उनकी उम्र से संबंधित है। यह विशेष रूप से 30 वर्ष के बाद स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, और यह कम होते हुए 40 तक और भी गंभीर हो सकता है। ऐसे में एएमएच टेस्ट महिलाओं को यह समझने में मदद करता है कि उनकी प्रजनन क्षमता किस स्थिति में है, और अगर वह बच्चे के लिए तैयार नहीं हैं, तो उन्हें प्रजनन विकल्पों के बारे में विचार करने की आवश्यकता हो सकती है

  • एएमएच का एक और संदर्भ
  • बात करें 35 वर्ष से ऊपर की महिलाओं की तो इस उम्र में एएमएच टेस्ट की अत्यधिक सिफारिश की जाती है। उच्च एएमएच स्तर से यह संकेत मिलता है कि महिला के पास अच्छे अंडाणु हैं, जबकि निम्न स्तर से यह पता चलता है कि अंडाणु का रिजर्व कम हो गया है और गर्भधारण की संभावना में कमी आ सकती है। इसके परिणामस्वरूप, डॉक्टर महिलाओं को सलाह देते हैं कि अगर वे बच्चे की योजना बना रहे हैं तो अधिक सावधानी से काम करें और संभवतः IVF जैसे उपचारों पर विचार करें।

एएमएच टेस्ट और फर्टिलिटी उपचार (AMH Test and Fertility Treatments)

  • IVF और IUI के लिए मार्गदर्शन
  • जब एएमएच का स्तर कम होता है, तो महिलाओं को IVF (In Vitro Fertilization) या IUI (Intrauterine Insemination) जैसे उपचार के लिए निर्देशित किया जा सकता है। एएमएच टेस्ट के परिणामों के आधार पर डॉक्टर यह तय कर सकते हैं कि कौन सा उपचार सबसे उपयुक्त होगा। निम्न स्तर पर, IVF सबसे प्रभावी उपचार हो सकता है, क्योंकि इसमें अंडाणु को बाहर से जमा किया जाता है, और उसे कृत्रिम रूप से निषेचन किया जाता है।

  • अंडाणु दान और अंडाणु संग्रहण (Egg Donation and Egg Freezing)
  • यदि एएमएच का स्तर बहुत कम है, तो महिलाओं को अंडाणु दान या अंडाणु संग्रहण (Egg Freezing) का सुझाव दिया जा सकता है। अंडाणु दान में किसी अन्य महिला से अंडाणु लिया जाता है, जिसे फिर महिला की गर्भाशय में निषेचित किया जाता है। इसके अलावा, अगर महिला को भविष्य में गर्भधारण करने की योजना हो तो अंडाणु संग्रहण भी एक विकल्प हो सकता है।

एएमएच टेस्ट के परिणामों की व्याख्या (Interpreting AMH Test Results)

  • एएमएच का सामान्य स्तर
  • जब एएमएच का स्तर सामान्य होता है (1.0 से 4.0 ng/mL के बीच), तो इसका मतलब है कि महिला के अंडकोष में अंडाणु की संख्या सामान्य है और प्रजनन क्षमता भी बेहतर है। इस स्थिति में, महिला को प्राकृतिक रूप से गर्भधारण की संभावना अधिक हो सकती है।

  • एएमएच का उच्च स्तर
  • जब एएमएच का स्तर उच्च होता है (5.0 ng/mL से ऊपर), तो इसका मतलब हो सकता है कि महिला के अंडकोष में अधिक अंडाणु हैं, जो उसे प्रजनन क्षमता के मामले में बेहतर स्थिति में रखते हैं। हालांकि, उच्च एएमएच स्तर का मतलब हमेशा अच्छे स्वास्थ्य का संकेत नहीं होता। कभी-कभी, ओवेरियन हाइपरस्टीमुलेशन सिंड्रोम (OHSS) जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं।

  • एएमएच का निम्न स्तर
  • जब एएमएच का स्तर कम होता है (0.5 ng/mL से नीचे), तो यह दर्शाता है कि महिला के अंडकोष में अंडाणु की संख्या कम हो गई है और प्रजनन क्षमता में कमी हो सकती है। इस स्थिति में IVF और अन्य प्रजनन उपचार के विकल्प पर विचार किया जाता है।

एएमएच टेस्ट के साथ अन्य परीक्षण (Other Tests Along with AMH Test)

  • एफएसएच टेस्ट (FSH Test)
  • एएमएच टेस्ट के अलावा, एफएसएच (Follicle-Stimulating Hormone) टेस्ट भी एक महत्वपूर्ण परीक्षण है, जो महिला के प्रजनन स्वास्थ्य का विश्लेषण करता है। एफएसएच का उच्च स्तर यह संकेत कर सकता है कि महिला के अंडकोष में अंडाणु की संख्या कम हो रही है।

  • एस्ट्रोजन टेस्ट (Estrogen Test)
  • एएमएच और एफएसएच के साथ एस्ट्रोजन टेस्ट भी किया जाता है, जिससे यह पता चलता है कि महिला का हार्मोनल संतुलन कैसा है। एस्ट्रोजन का स्तर महिलाओं के मासिक चक्र और प्रजनन क्षमता पर असर डालता है, और इसका परीक्षण कर डॉक्टर प्रजनन क्षमता के बारे में बेहतर जानकारी प्राप्त करते हैं।

एएमएच टेस्ट की सीमाएं (Limitations of AMH Test)

एएमएच टेस्ट प्रजनन क्षमता के बारे में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है, लेकिन इसके परिणामों के आधार पर पूरी तरह से निर्णय नहीं लिया जा सकता। कभी-कभी एएमएच का स्तर व्यक्ति विशेष के मामले में अलग-अलग हो सकता है और यह अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर प्रभावित हो सकता है। यह टेस्ट सिर्फ अंडाणु रिजर्व का अनुमान लगाता है, न कि महिला के गर्भधारण की वास्तविक क्षमता का। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि एएमएच टेस्ट के परिणामों को अन्य स्वास्थ्य परीक्षणों और डॉक्टर की सलाह के साथ जोड़ा जाए।

एएमएच टेस्ट के बाद क्या करें? (What to Do After AMH Test)

यदि एएमएच टेस्ट का परिणाम अच्छा है, तो इसका मतलब है कि महिला के पास बेहतर अंडाणु रिजर्व है और गर्भधारण में कोई बड़ी समस्या नहीं होनी चाहिए। यदि परिणाम सामान्य से कम है, तो महिला को प्रजनन उपचार के विकल्प पर विचार करना चाहिए और एक विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

एएमएच टेस्ट के फायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages of AMH Test)

  • एएमएच टेस्ट के फायदे (Advantages of AMH Test)

एएमएच टेस्ट के कई फायदे हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • प्रजनन क्षमता का मूल्यांकन: एएमएच टेस्ट महिलाओं की प्रजनन क्षमता का प्रारंभिक मूल्यांकन करने का एक आसान तरीका है। इससे यह पता चलता है कि महिला के अंडकोष में अंडाणु की संख्या कितनी है और उनकी प्रजनन क्षमता क्या है।
  • गर्भधारण में मदद: महिलाओं के लिए जो गर्भधारण में कठिनाई का सामना कर रही हैं, यह टेस्ट भविष्य में उन्हें सही उपचार के लिए मार्गदर्शन देने में सहायक हो सकता है।
  • प्रजनन योजना में सहायता: महिलाओं को यह निर्णय लेने में मदद मिलती है कि वे कब गर्भधारण करना चाहती हैं और इसके लिए कौन सा उपचार सर्वोत्तम रहेगा। यह टेस्ट विशेष रूप से महिलाओं को समय से पहले ही प्रजनन विकल्पों के बारे में सोचने का अवसर देता है।
  • साधारण और प्रभावी टेस्ट: एएमएच टेस्ट एक सरल खून का परीक्षण होता है, जो सामान्य रूप से सुरक्षित होता है और इसमें कोई दर्द या जटिल प्रक्रिया नहीं होती है।
  • एएमएच टेस्ट के नुकसान (Disadvantages of AMH Test)

हालाँकि एएमएच टेस्ट कई लाभ प्रदान करता है, इसके कुछ नुकसान भी हैं:

  • निश्चित परिणाम नहीं: एएमएच स्तर हर महिला के लिए अलग होता है, और कभी-कभी टेस्ट के परिणामों का सही मतलब नहीं निकलता है। यदि एएमएच का स्तर कम पाया जाता है, तो इसका मतलब यह नहीं कि महिला को गर्भधारण में समस्या होगी, क्योंकि यह सिर्फ अंडाणु रिजर्व के बारे में जानकारी देता है, न कि पूरी प्रजनन क्षमता के बारे में।
  • सिर्फ अंडाणु रिजर्व का संकेत: यह टेस्ट केवल अंडाणु रिजर्व को मापता है, न कि महिला की गर्भधारण क्षमता को। यह जरूरी नहीं कि उच्च एएमएच स्तर के साथ महिला की प्रजनन क्षमता बेहतर हो या निम्न एएमएच स्तर के साथ समस्या होगी।
  • कोई अन्य मेडिकल समस्याएं नहीं दिखाता: एएमएच टेस्ट से महिला के अन्य प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं का पता नहीं चलता, जैसे कि अंडकोष में कोई रोग या ओवेरियन हाइपरस्टीमुलेशन सिंड्रोम (OHSS)। इन समस्याओं के लिए अलग परीक्षण की आवश्यकता होती है।
  • आर्थिक रूप से महंगा हो सकता है: कुछ मामलों में एएमएच टेस्ट महंगा हो सकता है, खासकर यदि इसे कई बार किया जाता है, जिससे यह उपचार के खर्चों को बढ़ा सकता है।

एएमएच टेस्ट और उम्र के बीच संबंध (Relation Between AMH Test and Age)

  • उम्र बढ़ने के साथ एएमएच स्तर का गिरना (Decline of AMH with Age)
  • जैसा कि हम पहले देख चुके हैं, उम्र बढ़ने के साथ महिला के अंडकोष में अंडाणुओं की संख्या कम हो जाती है, जिससे एएमएच का स्तर भी घटता है। सामान्यत: 30 वर्ष के बाद एएमएच का स्तर गिरना शुरू हो जाता है, और 40 वर्ष तक यह और भी अधिक घट सकता है। इस कारण से, महिलाओं को अपनी प्रजनन क्षमता का मूल्यांकन जल्द से जल्द करवाना चाहिए, ताकि यदि कोई समस्या हो तो उसे समय रहते नियंत्रित किया जा सके।

  • उम्र के अनुसार एएमएच का स्तर
  • यहां कुछ सामान्य स्तर दिए गए हैं, जो विभिन्न आयु समूहों के लिए होते हैं:

    • 25-30 वर्ष: इस उम्र में एएमएच का स्तर उच्चतम होता है और यह महिलाओं की प्रजनन क्षमता के लिए अच्छा संकेत है।
    • 30-35 वर्ष: इस उम्र में एएमएच का स्तर धीरे-धीरे घटने लगता है, लेकिन फिर भी महिला के लिए गर्भधारण की संभावना बनी रहती है।
    • 35-40 वर्ष: इस उम्र के बाद एएमएच का स्तर और घटने लगता है, जिससे गर्भधारण में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
    • 40 वर्ष के बाद: 40 वर्ष की आयु के बाद एएमएच का स्तर बहुत कम हो जाता है, और प्रजनन क्षमता में गिरावट देखने को मिलती है।

    एएमएच टेस्ट के बाद अगला कदम (Next Steps After AMH Test)

    • अच्छे परिणाम के बाद अगला कदम
    • यदि एएमएच का स्तर सामान्य या अच्छा है, तो इसका मतलब है कि महिला के पास अंडाणु रिजर्व बेहतर है और प्रजनन क्षमता भी ठीक है। ऐसे में, महिला को गर्भधारण की कोई बड़ी समस्या नहीं हो सकती है। लेकिन फिर भी, डॉक्टर से नियमित परामर्श और प्रजनन योजना के बारे में बातचीत करना महत्वपूर्ण होता है। यदि महिला के गर्भधारण की योजना है, तो उसे प्राकृतिक तरीके से प्रयास करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह पर काम करना चाहिए।

    • निम्न परिणाम के बाद अगला कदम
    • अगर एएमएच का स्तर बहुत कम है, तो महिला को प्रजनन उपचार के विकल्पों पर विचार करना चाहिए। इस स्थिति में IVF (In Vitro Fertilization) या IUI (Intrauterine Insemination) जैसी तकनीकों का सुझाव दिया जा सकता है। इसके अलावा, अंडाणु दान या अंडाणु संग्रहण जैसे विकल्प भी उपलब्ध हो सकते हैं। महिला को इन विकल्पों को समझने और सही उपचार का चयन करने के लिए डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह लेनी चाहिए।

    • अन्य परीक्षणों के लिए विचार
    • एएमएच टेस्ट के साथ-साथ, एफएसएच (Follicle-Stimulating Hormone) और ई2 (Estradiol) जैसे अन्य परीक्षण भी करने की आवश्यकता हो सकती है, जो महिला की प्रजनन क्षमता के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करते हैं। साथ ही, महिला की मासिक धर्म स्थिति और अंडकोष के स्वास्थ्य के बारे में अन्य परीक्षणों की सलाह भी दी जा सकती है।

    एएमएच टेस्ट से संबंधित महत्वपूर्ण बातें (Important Things to Know About AMH Test)

    • संभावित प्रभाव
    • एएमएच टेस्ट के परिणामों का प्रभाव महिला की प्रजनन योजना पर पड़ सकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि यदि एएमएच का स्तर कम है, तो महिला को गर्भधारण में समस्या होगी, लेकिन यह जरूर इंगीत करता है कि उसे प्रजनन उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

    • विश्वसनीयता
    • एएमएच टेस्ट को आमतौर पर विश्वसनीय माना जाता है, लेकिन यह केवल एक संकेत है। इसे अन्य परीक्षणों के साथ मिलाकर ही अंतिम निर्णय लिया जाना चाहिए। महिलाओं को अपनी प्रजनन क्षमता का पूरी तरह से मूल्यांकन करने के लिए विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है।

    • समय और योजना
    • यदि महिला को बच्चे की योजना में कोई समय सीमा है, तो एएमएच टेस्ट महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इसके परिणाम से उसे निर्णय लेने में सहायता मिल सकती है कि वह कब और कैसे गर्भधारण करने की कोशिश करनी चाहिए।

    इस प्रकार, एएमएच टेस्ट प्रजनन स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है और इसे सही समय पर किया जाना चाहिए। यह महिला की प्रजनन क्षमता का सही मूल्यांकन करने में मदद करता है और उसे गर्भधारण के लिए आवश्यक उपचार की योजना बनाने में मदद करता है।

    अगर आप एएमएच टेस्ट करवाना चाहते हैं, तो पुणे में कई Crysta IVF Fertility Clinics हैं जो यह सुविधा प्रदान करते हैं। यह टेस्ट महिला की प्रजनन क्षमता का मूल्यांकन करने में मदद करता है और यह बताता है कि अंडकोष में अंडाणुओं की संख्या कितनी है। पुणे की इन क्लिनिक्स Fertility Clinic in Pune में अनुभवी विशेषज्ञ होते हैं जो टेस्ट के परिणामों का सही विश्लेषण करते हैं। टेस्ट के बाद, डॉक्टर आपको उचित उपचार के विकल्पों और भविष्य के प्रजनन स्वास्थ्य पर सलाह देते हैं। इन क्लिनिक्स में अत्याधुनिक तकनीक और व्यक्तिगत देखभाल उपलब्ध होती है। पुणे में स्थित फर्टिलिटी क्लिनिक्स एक सुरक्षित और भरोसेमंद स्थान हैं जहां आप एएमएच टेस्ट करवाकर अपनी प्रजनन योजना को सही दिशा दे सकते हैं।

Disclaimer

As per the "PCPNDT" (Regulation and Prevention of Misuse) Act, 1994, Gender Selection and Determination is strictly prohibited and is a criminal offense. Our centers strictly do not determine the sex of the fetus. The content is for informational and educational purposes only. Treatment of patients varies based on his/her medical condition. Always consult with your doctor for any treatment.

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