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टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के अंदर मिलने वाला एक हार्मोन होता है जिसे टेस्टीस में मिलने वाले लेंडिंग सैल बनाते हैं। सामान्य तौर पर इसका काम सिर्फ सेक्सुअल फंक्शन एवं मसल्स मास तक सीमित माना जाता है लेकिन यह और भी कई सारे काम करता है। पुरुषों के स्वस्थ रहने के लिए उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवल पर्याप्त होना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर बहुत ज्यादा फैट वाला खाना खाया जाए तो इससे टेस्टोस्टेरोन के लेवल में कमी आ जाती है। इसका असर किडनी और लीवर की गतिविधियों पर पड़ता है। ऐसे में एड्रिनल ग्लैंड सही से काम नहीं कर पाते हैं। अगर शरीर में इस हार्मोन की कमी होती है तो चिड़चिड़ापन, थकान, मूड स्विंग, जैसी परेशानियां सामने आने लगती हैं। इस हार्मोन के लेवल को संतुलित रखने के लिए एक अच्छा लाइफ स्टाइल बनाए रखना जरूरी है।
मसल्स मास बढ़ाने में फायदेमंद ( Helps in increasing muscle mass): आपने आमतौर पर एथलीट को मसल्स मास की वृद्धि करने के लिए टेस्टोस्टेरोन के इंजेक्शन का उपयोग करते हुए देखा होगा। लेकिन ऐसे इंजेक्शन लगवाने से शरीर को काफी नुकसान भी हो सकता है इसलिए यह जरूरी है कि इंजेक्शन को लगवाने से पहले डॉक्टर की सलाह ली जाए।
प्रजनन क्षमता में वृद्धि (increase fertility): अगर पुरुषों के शरीर में लो लिबिडो (low libido) पाया जाता है तो उसका प्रमुख कारण टेस्टोस्टेरोन लेवल में कमी हो सकती है। युवाओं के अंदर सेक्स-ड्राइव के बहुत ज्यादा होने का कारण भी टेस्टोस्टेरोन ही होता है। लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम होता जाता है जिससे कि पुरुषों की सेक्स-ड्राइव कम होती जाती है। एक रिसर्च में पाया गया है कि 28 से 30 साल की उम्र तक पहुंचने पर हर साल सेक्स ड्राइव में 1% की कमी होती है। उम्र बढ़ने के साथ आपकी फर्टिलिटी की समस्या भी बढ़ने लगती है
यदि आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम है तो आप अपने मूड में बहुत तेजी से बदलाव को महसूस करेंगे। यह हार्मोन मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। इसलिए अगर आपको मूड स्विंग्स की समस्या है तो आपको इन हार्मोंस के लेवल की जांच करवानी चाहिए।
बोन डेंसिटी (bone density): टेस्टोस्टेरोन का प्रभाव आपकी बोन डेंसिटी पर भी पड़ता है। जैसे हार्मोन मसल मास को बढ़ाने से जुड़ा हुआ होता है वैसे ही यह बोन डेंसिटी से भी जुड़ा हुआ होता है। अगर आपके शरीर में हार्मोन का असंतुलन है तो इससे यह आपकी हड्डियों को कमजोर बना देता है जिससे कि अगर आप को चोट लग जाए तो आपकी हड्डियों के टूटने का खतरा थोड़ा ज्यादा रहता है।
शरीर पर आने वाले बाल (body hair): युवा लड़कों के शरीर पर जो बाल आते हैं उनका कारण टेस्टोस्टेरोन हार्मोन ही होता है। लेकिन पुरुषों की बढ़ती उम्र के साथ यह हार्मोन बालों को कम करने लगता है। यही कारण है कि पुरुषों की बढ़ती उम्र के साथ उनके सिर के बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं।
मोटापे का कारण है यह हार्मोन (This hormone is the cause of obesity): जैसे ही इस हार्मोन का लेवल कम होता है पुरुषों का फिटनेस लेवल भी काफी कम होने लगता है। यही वजह है कि उनमें मोटापे की परेशानी आने लगती है और वह ओबेसिटी (obesity) से पीड़ित हो जाते हैं। इसलिए 28 की उम्र के बाद आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवल सही भी है या नहीं ताकि आप मोटापे से बच सकें।
टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ाने के कई तरीके हैं। तो चलिए इन तरीकों के बारे में चर्चा करते हैं:
व्यायाम (Exercise): अगर आप नियमित तौर पर व्यायाम करते हैं तो इससे आपको टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके अलावा व्यायाम करने से आपकी वजन बढ़ने की संभावना भी कम हो जाती है जिससे कि टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है। इस हार्मोन के लेवल को बढ़ाने के लिए वेटलिफ्टिंग करना काफी फायदेमंद होता है जैसे; शोल्डर प्रेस, डेड लिफ्ट, बेंच प्रेस, आदि।
अच्छी नींद (Good sleep): पूरी और अच्छी नींद लेने से भी इस हार्मोन के लेवल को बढ़ाने में मदद मिलती है। एक अध्ययन में पाया गया है कि जो पुरुष दिन में 5 घंटे से कम सोते हैं उनमें टेस्टोस्टेरोन लेवल 8 घंटे की नींद लेने वाले पुरुषों की तुलना में 15% कम होता है। विशेषज्ञ के अनुसार एक वयस्क पुरुष को 1 दिन में सात से नौ घंटे की नींद लेना जरूरी होता है।
तनाव को रखें दूर (Reduce stress): ज्यादा तनाव इस हार्मोन के लेवल को कम करता है। तनाव आपकी नींद पर भी नकारात्मक असर डालता है जो कि इस हार्मोन के लेवल को कम कर देता है। इसके अलावा तनाव आपके अंदर वसा को बढ़ाता है जोकि इस हार्मोन के स्तर को कम करने का दूसरा कारण है। तनाव को दूर करने के लिए आपको ये काम करने चाहिए; योग करना, ध्यान लगाना, संगीत, कला, या किसी दूसरे शोक को अपना समय देना, व्यवस्थित रहना, सकारात्मक दृष्टिकोण रखना, परिवार के साथ समय बिताना, विशेषज्ञ से परामर्श लेना, आदि।
टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाता है विटामिन डी (Vitamin D Boosts Testosterone): जिन लोगों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी होती है उनमें आम तौर पर विटामिन डी कम मात्रा में पाया जाता है। इस समस्या से दूर रहने के लिए आपको नियमित तौर पर सूर्य की किरणों में बैठना चाहिए जो कि विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत होता है। इसके लिए हर रोज सुबह 10 से 15 मिनट के लिए धूप सेंक सकते हैं। इसके अलावा विटामिन डी वाले खाद्य पदार्थ खा सकते हैं; जैसे अंडा, पनीर, फोर्टीफाइड अनाज, फोर्टीफाइड दूध, मछली, आदि।
अगर आप भी अपने शरीर में टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ाना चाहते हैं और अगर आपको भी पिता बनने में किसी प्रकार की परेशानी हो रही है तो आपको क्रिस्टा आईवीएफ के पास जाने की सलाह दी जाती है। इस हेल्थ केयर सेंटर में कई अनुभवी डाक्टर हैं जो आपकी समस्या को अच्छे से सुनते हैं और फिर आपका इलाज शुरू करते हैं। पूरे भारत देश में इसके 20 से अधिक सेंटर हैं जिससे कि आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी सेंटर पर जा सकते हैं और अपना इलाज करवा सकते हैं।
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