महिला बांझपन के इलाज के अलग-अलग चरण क्या हैं?

महिला बांझपन के इलाज

What are the different stages of treatment for female infertility?

महिलाओं के लिए मां बनना जीवन का सबसे बड़ा सुख माना जाता है। लेकिन आज उनके लिए यह सुख प्राप्त करना इतना आसान नहीं रह गया है। आधुनिक जीवन शैली और कई दूसरे कारणों की वजह से उनके अंदर बांझपन या इनफर्टिलिटी की समस्या काफी हद तक बढ़ रही है। बांझपन एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिला 12 महीने तक मां बनने का प्रयास करने के बाद भी गर्भधारण नहीं कर पाती है।

महिलाओं में बांझपन के लक्षण (Symptoms of infertility in women)

  • लंबे समय तक कोशिश करने के बाद भी गर्भधारण ना कर पाना
  • महिला के चेहरे पर बालों का आना या फिर सिर के बालों का तेजी से झड़ना भी बांझपन का एक लक्षण हो सकता है।

बांझपन के कारण (Reason of Infertility)

  • फैलोपियन ट्यूब अंडों को अंडाशय से गर्भाशय तक पहुंचाने का काम करती है जहां पर भ्रूण का विकास होता है। पेल्विक सर्जरी की वजह से फैलोपियन ट्यूब को क्षति पहुंच सकती है जिसकी वजह से शुक्राणुओं को अंदर तक पहुंचने में परेशानी आती है और इसी कारण से महिलाओं में बांझपन की समस्या पैदा होती है।
  • अगर किसी महिला के शरीर में हार्मोन का असंतुलन है तो इसकी वजह से भी उसमें बांझपन यानी कि इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। शरीर में सामान्य हारमोनल बदलाव ना हो पाने की स्थिति में भी अंडाशय से अंडे नहीं निकल पाते हैं।
  • गर्भाशय की अब्नोर्मल संरचना, पॉलिप्स या फाइब्रॉएड के कारण भी बांझपन हो सकता है।
  • महिलाओं में तनाव भी बांझपन का एक मुख्य कारण माना जाता है।
  • पीसीओएस के रोग की वजह से भी अधिकतर महिलाएं बांझपन का शिकार हो रही है। इस बीमारी की वजह से फैलोपियन ट्यूब में सिस्ट विकसित हो जाते हैं जिसकी वजह से महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं।

बांझपन की जांच (Infertility Test)

ओवुलेशन टेस्ट (Ovulation Test)

इसमें किट की मदद से घर पर ही ओवुलेशन परीक्षण किया जा सकता है।

हार्मोनअल टेस्ट (Hormonal Test)

लिंग हार्मोन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की जांच से बांझपन की दिक्कत का पता लगाया जा सकता है। लिंग हार्मोन का लेवल ओवुलेशन से पहले बढ़ जाता है जबकि प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बाद में पैदा होता है। इन दोनों हारमोंस की जांच से यह पता चलता है कि ओवुलेशन हो रहा है या नहीं । इसके साथ ही प्रोडक्ट इन हार्मोन के लेवल की भी जांच की जाती है।

हिस्टेरोसल पिंगोग्राफी (Hysteroscopic Pingography)

यह एक एक्स-रे परीक्षण है जिसकी मदद से फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय और उनके आसपास का भाग देखा जा सकता है। एक्स-रे रिपोर्ट में फैलोपियन ट्यूब या गर्भाशय में लगी किसी भी चोट या असामान्यता को देखा जा सकता है। इसमें अंडे की फैलोपियन ट्यूब से गर्भाशय तक जाने वाले रास्ते की रुकावट को भी देखा जा सकता है।

ओवेरियन रिज़र्व टेस्ट (Ovarian Reserve Test)

ओवुलेशन के लिए उपलब्ध अंडों की मात्रा और गुणवत्ता को जांचने में सहायता करता है। जिन महिलाओं में अंडों की मात्रा कम होने का डर होता है जैसे कि 35 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं, उनके लिए इमेजिंग टेस्ट का इस्तेमाल होता है।थायराइड और हार्मोन का टेस्ट (Thyroid and Hormone Test) – इसके अतिरिक्त प्रजनन प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले ओव्यूलेटरी (Ovulatory) हार्मोन के लेवल के साथ-साथ पिट्यूटरी हार्मोन और थायराइड की जांच की जाती है।

बांझपन का इलाज (Infertility Treatment)

चूंकि बांझपन एक जटिल परेशानी है इसलिए इसका इलाज महिला की आयु, कारण, समस्या की अवधि, व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर आधारित है। बांझपन के इलाज में शारीरिक, वित्तीय और मनोवैज्ञानिक स्थिति काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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तो आइए अब हम इस बारे में चर्चा करते हैं कि बांझपन का इलाज कैसे किया जा सकता है:

दवाएं (Medicines)

ओवुलेशन में दिक्कत होने की वजह से अगर गर्भधारण नहीं हो पा रहा है तो इसका इलाज दवाओं से किया जा सकता है। यह दवाएं प्राकृतिक हार्मोन फोलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन एवं ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन की तरह काम करती हैं। इन दवाओं की मदद से ओवुलेशन को ट्रिगर किया जाता है। साथ ही आपको यह भी पता होना चाहिए कि बांझपन किस विटामिन की कमी से होता है ताकि आप उसकी कमी को भी दूर कर सकें।

आईयूआई (IUI)

इस प्रक्रिया के दौरान लाखों शुक्राणुओं को गर्भाशय के अंदर ओवुलेशन के दौरान रखा जाता है।

आईवीएफ (IVF)

आई.वी.एफ. उपचार में अंडे की कोशिकाओं को महिला के गर्भ से बाहर निकाला जाता है और उसे पुरुष के स्पर्म के साथ निषेचित किया जाता है। यह प्रक्रिया इनक्यूबेटर (incubator) के अंदर ही होती है एवं इस प्रक्रिया में 3 दिन का समय लगता है। भ्रूण के विकास के बाद इसे महिला के गर्भ में ही पहुंचा दिया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद 12 से 15 दिनों तक महिला को पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी जाती है।

सर्जरी (Surgery)

कई ऐसे सर्जिकल प्रोसेस हैं जो या तो बांझपन को ठीक कर सकते हैं या फिर महिला की प्रजनन क्षमता में सुधार कर सकते हैं। हालांकि बांझपन के इलाज के लिए आईवीएफ को काफी कारगर माना जाता है जिसकी वजह से अब सर्जरी करने की जरूरत नहीं पड़ती है। गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए हिस्ट्रोस्कोपी (Hysteroscopy)या लैप्रोस्कोपिक (Laparoscopic) सर्जरी की जा सकती है। इसके साथ ही फैलोपियन ट्यूब बंद होने पर ट्यूबल सर्जरी भी की जाती है।

क्रिस्टा आईवीएफ ( Crysta IVF ) को महिला बांझपन के इलाज के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। यह देश के अधिकतर बड़े शहरों में अपनी सेवा प्रदान करता है जिसकी वजह से बांझपन की समस्या से जूझ रहे अधिकतर लोग इस तक पहुंच सकते हैं। इस हेल्थ सर्विस सेंटर में वह सारी सुविधाएं उपलब्ध है जिनसे यहां आने वाले दंपति को सर्वोत्तम इलाज मिलता है।

Ritish Sharma

Ritish Sharma is a professional healthcare writer who has a good understanding of medical research and trends. He has expertise in clearly communicating complex medical information in an easy-to-understand manner. His writing helps people make informed decisions about their health and take control of their well-being.