इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग क्या है?: लक्षण, कारण, कब डॉक्टर से मिलना चाहिए और उपचार

Medically Reviewed By

Dr. Nidhi Sehrawet

Written By Mahima Nigam

August 4, 2025

Last Edit Made By Mahima Nigam

August 4, 2025

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इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग क्या होती है? (What is Implantation Bleeding)

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग वह हल्का रक्तस्राव (bleeding) होता है जो तब होता है जब निषेचित अंडाणु (fertilized egg) गर्भाशय की दीवार (uterine lining) में जाकर चिपकता है। यह आमतौर पर मासिक धर्म चक्र (menstrual cycle) के 20वें से 26वें दिन के बीच होता है, यानी पीरियड्स (periods) शुरू होने से कुछ दिन पहले।

कई महिलाएं इसे मासिक धर्म की शुरुआत समझ बैठती हैं, लेकिन यह पीरियड्स की तरह भारी नहीं होता और इसके लक्षण भी अलग होते हैं। इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग गर्भावस्था (pregnancy) के शुरुआती संकेतों में से एक हो सकती है। यह संकेत देता है कि निषेचन (fertilization) सफल रहा है और भ्रूण (embryo) अब गर्भाशय में अपनी जगह बना रहा है।

इस ब्लीडिंग की प्रकृति आमतौर पर हल्की (light), गुलाबी या भूरी (pink or brown) होती है और यह केवल 1 से 3 दिनों तक रह सकती है। इसकी मात्रा इतनी कम होती है कि अक्सर यह केवल टिशू पेपर या अंडरगारमेंट पर दिखाई देती है।

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग हर महिला को नहीं होती, और न ही यह गर्भावस्था का एकमात्र लक्षण है। लेकिन जो महिलाएं अपनी प्रजनन से जुड़ी गतिविधियों पर ध्यान देती हैं, वे इस छोटे बदलाव को नोटिस कर सकती हैं। यह सामान्य प्रक्रिया है और इससे घबराने की जरूरत नहीं होती।

यदि ब्लीडिंग अधिक मात्रा में हो रही है, उसमें दर्द है या वह लंबे समय तक जारी रहती है, तो यह इम्प्लांटेशन नहीं, बल्कि किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के लक्षण (Symptoms of Implantation Bleeding)

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के लक्षण बहुत सूक्ष्म (subtle) होते हैं, जिससे इसे मासिक धर्म से अलग पहचानना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन अगर आप अपने शरीर के संकेतों को ध्यान से समझें, तो इनमें फर्क किया जा सकता है।

सबसे पहला लक्षण हल्का रक्तस्राव होता है — यह खून हल्का गुलाबी (light pink) या भूरा (brown) रंग का होता है और इसकी मात्रा बहुत कम होती है। यह ब्लीडिंग आमतौर पर एक दिन से तीन दिनों तक रहती है।

दूसरा लक्षण हल्के पेट दर्द या ऐंठन (mild cramps) हो सकते हैं, जो पीरियड्स के दर्द से हल्के होते हैं। यह दर्द गर्भाशय की दीवार में भ्रूण के चिपकने के कारण महसूस हो सकता है। इसके अलावा, कुछ महिलाओं को निम्नलिखित लक्षण भी महसूस हो सकते हैं:

  • स्तनों में सूजन या कोमलता (breast tenderness)
  • हल्की थकान (fatigue)
  • मूड स्विंग्स (mood swings)
  • हल्की मितली (nausea)

ध्यान देने वाली बात यह है कि ये लक्षण शुरुआती गर्भावस्था (early pregnancy) के भी लक्षण हो सकते हैं। इसलिए सिर्फ इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के आधार पर यह निश्चित करना कठिन होता है कि आप गर्भवती हैं या नहीं।

यदि ब्लीडिंग के साथ भारी दर्द, तेज़ रक्तस्राव, या बदबूदार डिस्चार्ज हो रहा हो, तो यह किसी अन्य स्त्री रोग समस्या (gynecological issue) का संकेत हो सकता है, जैसे कि गर्भपात (miscarriage) या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (ectopic pregnancy)। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग और पीरियड्स में क्या अंतर है? (Difference Between Implantation Bleeding and Periods)

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग और पीरियड्स (menstrual bleeding) को लेकर अक्सर महिलाएं भ्रम में रहती हैं क्योंकि दोनों लगभग एक ही समय पर होते हैं। लेकिन इन दोनों में कई बारीक अंतर होते हैं, जो पहचानने में मदद कर सकते हैं।

सबसे महत्वपूर्ण अंतर ब्लीडिंग की मात्रा और रंग में होता है। इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग हल्की, गुलाबी या भूरी होती है, जबकि पीरियड्स का खून गहरा लाल और अधिक मात्रा में होता है।

पीरियड्स में ब्लीडिंग लगातार 4–5 दिनों तक रहती है और मात्रा में अधिक होती है, जबकि इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग 1–3 दिनों में ही समाप्त हो जाती है और बहुत हल्की होती है।

पीरियड्स से पहले ऐंठन (cramps) अधिक तीव्र होती हैं, जबकि इम्प्लांटेशन के दौरान हल्का खिंचाव या हलका दर्द महसूस हो सकता है।

पीरियड्स से पहले शरीर में थकान, मूड स्विंग्स और ब्लोटिंग जैसे सामान्य PMS लक्षण होते हैं, जबकि इम्प्लांटेशन के दौरान महिला को हल्की मितली, स्तनों में कोमलता और थकान जैसी गर्भावस्था के लक्षण भी महसूस हो सकते हैं।

अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं और आपके पीरियड्स की डेट के आस-पास हल्की ब्लीडिंग हो रही है, तो यह इम्प्लांटेशन हो सकता है। लेकिन इसकी पुष्टि के लिए कुछ दिन बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट (pregnancy test) करना सही रहेगा।

इम्प्लांटेशन कब होता है? (When Does Implantation Happen?)

इम्प्लांटेशन गर्भधारण की प्रक्रिया का एक बहुत ही नाजुक और महत्वपूर्ण चरण होता है। यह तब होता है जब निषेचित अंडाणु (fertilized egg) गर्भाशय की दीवार (uterine lining) में जाकर चिपकता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर अंडोत्सर्जन (ovulation) के 6 से 10 दिन बाद होती है, यानी सामान्य 28-दिवसीय मासिक चक्र में यह 20वें से 26वें दिन के बीच होती है।

जब अंडाणु और शुक्राणु का मिलन होता है और निषेचन (fertilization) होता है, तो वह मिलकर एक ज़ाइगोट (zygote) बनाते हैं। यह ज़ाइगोट फेलोपियन ट्यूब (fallopian tube) से होते हुए गर्भाशय तक पहुंचता है। वहां जाकर यह गर्भाशय की भीतरी परत में समाहित हो जाता है। इस प्रक्रिया को ही इम्प्लांटेशन कहते हैं।

इम्प्लांटेशन के समय, कुछ महिलाओं को हल्का रक्तस्राव या ब्लीडिंग हो सकती है। यह ब्लीडिंग इस प्रक्रिया का एक सामान्य लक्षण है और कई बार इसे गर्भावस्था की शुरुआत का संकेत माना जाता है।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि हर महिला में इम्प्लांटेशन एक ही समय पर नहीं होता। यह व्यक्ति विशेष के मासिक चक्र की लंबाई और अंडोत्सर्जन की तारीख पर निर्भर करता है। इसी कारण गर्भधारण की पुष्टि के लिए अत्यधिक शुरुआती प्रेग्नेंसी टेस्ट (pregnancy test) करना गलत परिणाम दे सकता है।

यदि इम्प्लांटेशन के 2–3 दिन बाद तक पीरियड्स नहीं आते और अन्य गर्भावस्था के लक्षण जैसे स्तनों में कोमलता, थकान, हल्की मितली महसूस होने लगें, तो 4–5 दिन के अंतराल पर प्रेग्नेंसी टेस्ट करना बेहतर होगा।

इस ब्लीडिंग के कारण क्या होते हैं? (What Causes Implantation Bleeding?)

इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग का मुख्य कारण निषेचित अंडाणु (fertilized egg) का गर्भाशय की भीतरी दीवार में प्रवेश करना होता है। जब भ्रूण (embryo) गर्भाशय की परत (endometrium) में चिपकता है, तो वहां की महीन रक्त नलिकाएं (blood vessels) टूट सकती हैं, जिससे हल्का रक्तस्राव होता है।

यह एक जैविक और स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य भ्रूण को पोषक तत्वों से भरपूर वातावरण देना होता है। यह ब्लीडिंग शरीर के भीतर चल रही उस गतिविधि का संकेत देती है जिसमें एक नया जीवन आकार ले रहा है।

इसके अलावा, कुछ अन्य स्थितियों में भी हल्की ब्लीडिंग हो सकती है जो इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग से मिलती-जुलती लग सकती है, जैसे:

  • गर्भाशय ग्रीवा की संवेदनशीलता (sensitive cervix)
  • गर्भधारण के शुरूआती हार्मोनल बदलाव
  • प्रजनन संबंधी औषधियों का प्रभाव
  • इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग पीरियड्स से कम मात्रा में और हल्के रंग की होती है, और यह ज्यादा समय तक नहीं चलती। यह गर्भाशय में स्वस्थ इम्प्लांटेशन का संकेत हो सकती है।

    यदि यह ब्लीडिंग अत्यधिक है, दर्द के साथ है, या उसमें थक्के (clots) हैं, तो यह किसी अन्य समस्या जैसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (ectopic pregnancy) या गर्भपात (miscarriage) का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

    क्या यह हर महिला में होता है? (Is Implantation Bleeding Common?)

    इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग हर महिला को नहीं होती। दरअसल, विशेषज्ञों के अनुसार केवल 15–25% महिलाओं को ही यह अनुभव होता है। इसका न होना गर्भधारण में कोई रुकावट नहीं है और यह जरूरी नहीं कि बिना इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के आप गर्भवती नहीं हैं।

    हर महिला का शरीर अलग होता है और उसका हार्मोनल रिस्पॉन्स भी अलग होता है। कुछ महिलाएं अपने शरीर में होने वाले हर छोटे बदलाव को महसूस कर लेती हैं, जबकि कुछ को पता भी नहीं चलता कि इम्प्लांटेशन हो चुका है।

    कई बार यह ब्लीडिंग इतनी हल्की होती है कि महिलाएं इसे सामान्य वेजाइनल डिस्चार्ज समझकर नजरअंदाज कर देती हैं। वहीं दूसरी ओर, कुछ महिलाओं में थोड़ी अधिक मात्रा में ब्लीडिंग होती है, जिससे वे इसे पीरियड्स समझने की भूल कर बैठती हैं।

    यह जानना जरूरी है कि इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग का न होना भी पूरी तरह सामान्य है। यह किसी भी प्रकार की मेडिकल समस्या या गर्भधारण की असफलता का संकेत नहीं है।

    इसलिए यदि आप प्रेग्नेंसी की योजना बना रही हैं और आपको ब्लीडिंग नहीं हुई, तो घबराएं नहीं। यह सिर्फ एक लक्षण है, न कि गर्भधारण की पुष्टि का साधन। सबसे विश्वसनीय तरीका यही है कि आप अपनी पीरियड्स की डेट मिस होने के बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करें।

    कब डॉक्टर से मिलना चाहिए? (When Should You See a Doctor?)

    इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग आमतौर पर सामान्य और अस्थायी होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह शरीर में किसी अन्य समस्या का संकेत भी हो सकती है। इसलिए अगर आपको ब्लीडिंग के साथ निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए:

    • ब्लीडिंग लगातार 3 दिनों से अधिक हो रही हो
    • रक्त का रंग गहरा लाल हो और मात्रा ज्यादा हो
    • ब्लीडिंग के साथ तेज पेट दर्द या क्रैम्प्स हों
    • डिस्चार्ज में बदबू हो या संक्रमण जैसे लक्षण हों
    • पहले भी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी या मिसकैरेज का इतिहास रहा हो

    इसके अलावा यदि आपकी उम्र 35 वर्ष से अधिक है और आप पिछले 6 महीने से गर्भधारण की कोशिश कर रही हैं लेकिन सफलता नहीं मिली है, तो फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से सलाह लेना जरूरी है। वहीं, 35 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को 12 महीने के प्रयास के बाद विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

    Crysta IVF जैसे अनुभवी केंद्र पर डॉक्टर इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग को लेकर पूरी जांच करते हैं, जिसमें हार्मोन टेस्ट (hormone test), ट्रांसवेजिनल सोनोग्राफी (TVS), और एंडोमेट्रियम की स्थिति की जानकारी ली जाती है। यह सब इसलिए ताकि किसी भी संभावित खतरे को शुरुआती चरण में ही पहचान लिया जाए।

    सही समय पर सलाह लेने से न केवल गर्भधारण के मौके बेहतर होते हैं बल्कि यह भविष्य की जटिलताओं को भी रोक सकता है। शरीर के संकेतों को समझना और सही मार्गदर्शन लेना ही बेहतर मातृत्व की शुरुआत है।

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    FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

    क्या इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग सभी महिलाओं को होती है?

    नहीं, यह केवल 15–25% महिलाओं को ही होती है। यह न होना भी सामान्य है।

    इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग कितने दिनों तक होती है?

    आमतौर पर 1 से 3 दिन तक हल्का रक्तस्राव होता है।

    क्या इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग में दर्द होता है?

    थोड़ा हल्का खिंचाव या ऐंठन महसूस हो सकती है, पर तीव्र दर्द नहीं होता।

    क्या इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग से गर्भधारण की पुष्टि हो जाती है?

    नहीं, इसकी पुष्टि के लिए प्रेग्नेंसी टेस्ट करना जरूरी होता है।

    क्या इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग का रंग हमेशा गुलाबी होता है?

    नहीं, यह गुलाबी, भूरा या हल्का लाल भी हो सकता है।

    क्या यह पीरियड्स से पहले होता है?

    हाँ, यह मासिक धर्म की अपेक्षित तिथि से 4–6 दिन पहले हो सकता है।

    क्या इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग में थक्के आ सकते हैं?

    नहीं, अगर थक्के (clots) दिखें तो यह पीरियड्स या अन्य समस्या हो सकती है।

    क्या इसमें प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आता है?

    यह ब्लीडिंग के 3–4 दिन बाद टेस्ट करना ज्यादा सटीक परिणाम देगा।

    क्या बार-बार इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग खतरनाक है?

    नहीं, लेकिन अगर हर महीने ऐसा हो तो डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।

    क्या Crysta IVF में इस पर विशेषज्ञ सलाह मिल सकती है?

    हाँ, Crysta IVF में शुरुआती जाँच, विशेषज्ञ परामर्श और पूरा ट्रीटमेंट उपलब्ध है।

Disclaimer

As per the "PCPNDT" (Regulation and Prevention of Misuse) Act, 1994, Gender Selection and Determination is strictly prohibited and is a criminal offense. Our centers strictly do not determine the sex of the fetus. The content is for informational and educational purposes only. Treatment of patients varies based on his/her medical condition. Always consult with your doctor for any treatment.

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