Treatments
गर्भनलियां या फॉलोपियन ट्यूब अंडाशय और गर्भाशय के बीच मौजूद होती है और इन्हें गर्भाशय ट्यूब कहा जाता है। फॉलोपियन ट्यूब गर्भाशय के ऊपरी भाग के दोनों तरफ से निकलती है। ओव्यूलेशन (Ovulation) के समय ओवरी से निकलने वाले अंडों के फर्टिलाइज़ेशन (Fertilization) में और फिर एंब्रायो को यूट्रस तक पहुँचाने में यह मददगार होती है।
फॉलोपियन ट्यूब का ब्लॉक होना बांझपन का एक कारण है। इस ट्यूब में ब्लॉकेज होने से शुक्राणु अंडे तक नहीं पहुँच पाते। हालांकि, आज की उन्नत चिकित्सा उपचारों से इस समस्या की समय पर जांच कर इसे ठीक किया जा सकता है।
फॉलोपियन ट्यूब बंद होने के कोई लिखित कारण तो नहीं हैं, लेकिन सामान्य तौर पर एक्सपर्ट इसका कारण पेल्विक इन्फ़्लेमेटरी डीसीज़ (पीआईडी) या पेल्विक इन्फेक्शन, टीबी और आनुवांशिकता को मानते हैं। आइये विस्तार से इन कारणों पर चर्चा करें:-
फॉलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने की स्थिति में महिलाओं को निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं:
ऊपर बताए गए लक्षणों में से किसी एक लक्षण की उपस्थिति होने की स्थिति में महिला रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। शुरुआती समय में ही डॉक्टर की ओर से दिये जाने वाले उपचार की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है।
फॉलोपियन ट्यूब की ब्लॉकेज महिलाओं में बांझपन का सबसे अहम कारण है। इस ट्यूब में ब्लॉकेज आपके माँ-बाप बनने के सपने में रुकावट पैदा कर सकती है। ऐसी स्थिति में नैचुरल तरीके से प्रेग्नेंट होना मुमकिन नहीं होता है। एक महिला के शरीर में दो फॉलोपियन ट्यूब मौजूद होती हैं। अगर किसी महिला की एक फॉलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो तो ऐसी स्थिति में उस महिला के प्रेग्नेंट होने की 50 प्रतिशत संभावना होती है लेकिन अगर दोनों ट्यूब ब्लॉक हो तो नैचुरल तरीके से गर्भधरण कर पाना संभव नहीं होता है।
केन्युलेशन तकनीक (Cannulation Technique)- शुरुआत में डॉक्टर फॉलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज का इलाज दवाइयों की मदद से करने की कोशिश करते हैं। अगर दवाएँ कारगर साबित नहीं होती है तो ऐसी स्थिति में कैन्यूलाइज़ेशन तकनीक का इस्तेमाल करके इसे ठीक करने की कोशिश की जाती है। इस तकनीक में एक पतले से तार को सर्विक्स के ज़रिये फॉलोपियन ट्यूब में पहुँचाया जाता है और ब्लॉकेज को इसकी मदद से हटाने की कोशिश की जाती है।
नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट (Non-Surgical Treatment)- फॉलोपियन ट्यूब में अगर ब्लॉकेज ज्यादा होती है तो ऐसी स्थिति में ब्लॉकेज से प्रभावित हुए हिस्से को हटाकर बाकी हिस्से को टांकों की मदद से जोड़ा जाता है। फॉलोपियन ट्यूब की ब्लॉकेज को खोलने के लिए नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट की सफलता की दर लगभग 90% होती है। हालांकि फॉलोपियन ट्यूब की ब्लॉकेज का उपचार कितना सफल होगा यह कई परिस्थितियों पर निर्भर करता है, जैसे कि महिला की उम्र, ब्लॉकेज की वजह और एक ट्यूब में ब्लॉकेज है या दोनों में।
अगर ऊपर बताए गए किसी भी उपचार से ब्लॉकेज की समस्या हल नहीं होती है तो ऐसे में इससे जूझने वाली महिलाओं के पास संतान प्राप्ति के लिए आईवीएफ़ ही एकमात्र रास्ता होता है।
गर्भधारण करने के लिए एक महिला के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के साथ-साथ प्रजनन तंत्र का स्वस्थ होना भी बहुत जरूरी है। ऐसी स्थिति में जहां महिला को फॉलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज की वजह से गर्भधारण करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा हो उन्हें एक अच्छे विशेषज्ञ से सलाह करनी चाहिए। समय पर उपचार इस समस्या का जल्दी समाधान उपलब्ध करा सकता है। हालांकि अगर दोनों ही ट्यूबस में ब्लॉकेज हो तो ऐसे में माँ बनाने का सुख पाने के लिए दम्पतियों के पास एकमात्र विकल्प होता है - आईवीएफ़। अगर आप भी ऐसी ही समस्या का सामना कर रहे हैं और बेहतर उपचार की तलाश में हैं तो क्रिस्टा आईवीएफ़ आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है। इस फर्टिलिटी ट्रीटमेंट सेंटर में आने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें 50 से ज्यादा प्रोफेशनल हैं जिन्हें 20 साल से अधिक का अनुभव है। दंपति को इस सेंटर में सबसे बढ़िया इलाज उचित दामों पर मिलता है।
See our patient's success stories >>
Fill in the details below to get FREE IVF consultation instantly.
Opt-in for WhatsApp updates
DISCLAIMER : The blog content has been posted as a piece of information and awareness only. The content provided in this blog, or in any linked materials, are not proposed and should not be taken as medical advice. Crysta IVF strongly recommends users to consult with their health care providers to make any medical or health-related decision.