आज के युग में स्त्री के शारीरिक स्वास्थ्य और गर्भावस्था की देखभाल में अधिक ध्यान दिया जा रहा है। गर्भावस्था के समय महिलाओं के शरीर में कई परिवर्तन होते हैं और इनमें से एक है एएमएच (AMH Test) या “एंटी मुलरियन हार्मोन टेस्ट” (anti mullerian hormone test) का स्तर। इस लेख में, हम जानेंगे कि एएमएच टेस्ट क्या होता है, और यह टेस्ट क्यों महत्वपूर्ण है।
एएमएच क्या होता है? (What is AMH Test?)
एएमएच या “एंटी मुलरियन हार्मोन टेस्ट” एक हार्मोन है जो महिलाओं के ओवरीज में उत्पन्न होता है। यह हार्मोन ओवेरियन फोलिकल की मात्रा और गुणवत्ता को मापने में मदद करता है। इसके अधिक या कम होने से महिलाओं की बांझपन को समस्या हो सकती है।
AMH कितना होना चाहिए?
AMH (Anti-Mullerian Hormone) की सामान्य संख्या महिलाओं में 0.7 से 3.5 नग/मिलीलीटर के बीच होती है। यह संख्या महिला की उम्र, ओवुलेशन की स्थिति, और विभिन्न अन्य कारकों पर निर्भर करती है। गर्भाधान की क्षमता के लिए, एएमएच की संख्या का उचित होना महत्वपूर्ण होता है। यदि आपका AMH स्तर असामान्य है, तो डॉक्टर की सलाह लेना सबसे उत्तम होगा।
यहां, महिलाओं की आमतौर पर AMH स्तर की सामान्य सीमा आयु के अनुसार दी गई है:
आयु | AMH स्तर (एनजी/मिलीलीटर) |
20-24 वर्ष | 2.0 – 6.8 |
25-29 वर्ष | 1.8 – 6.6 |
30-34 वर्ष | 1.7 – 6.4 |
35-39 वर्ष | 1.1 – 5.5 |
40-44 वर्ष | 0.3 – 4.0 |
45 वर्ष या अधिक | 0.2 – 2.2 |
कृपया ध्यान दें कि यह संख्याएँ सामान्य मान्यताओं केवल हैं और हर व्यक्ति के लिए वे अलग हो सकते हैं। आपके डॉक्टर आपके व्यक्तिगत स्थिति के आधार पर अधिक सही अंक देने में मदद कर सकते हैं।
एएमएच टेस्ट क्यों किया जाता है? (Why is AMH test done?)
फर्टिलिटी चेक करने के लिए: एएमएच टेस्ट महिलाओं की फर्टिलिटी या उनकी प्रजनन क्षमता का मापन करने में मदद करता है। यह जांच उन महिलाओं के लिए उपयुक्त होती है जो गर्भावस्था की योजना बना रही हों या जो इनफर्टिलिटी की समस्याओं का सामना कर रही हों।
ओवेरियन रिजर्व का मापन: एएमएच टेस्ट ओवेरियन रिजर्व की मात्रा को मापने में मदद करता है, यानी वह बचे हुए अंडों की संख्या और गुणवत्ता को दर्शाता है।
IVF या टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए: इन उपयोगों के लिए, जहां गर्भधारण की प्रक्रिया में द्रवित की आवश्यकता होती है, एएमएच टेस्ट किया जाता है ताकि उपयुक्त उपचार योजना तैयार की जा सके।
बांझपन की समस्याओं का पता लगाने के लिए: एएमएच टेस्ट बांझपन की समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जा सकता है, जैसे कि बांझपन या अधिक उम्र में गर्भावस्था की क्षमता की कमी।
एएमएच टेस्ट कैसे किया जाता है? (How to do AMH Test?)
एएमएच टेस्ट एक साधारण रूप से रक्त परीक्षण होता है, जिसमें महिला का रक्त लिया जाता है और फिर उसमें एएमएच का स्तर मापा जाता है। इस टेस्ट को महिलाओं के पीरियड्स के तुरंत बाद किया जाता है, क्योंकि इस समय एएमएच का स्तर सबसे सटीक रहता है।
निष्कर्ष: (Conclusion)
एएमएच टेस्ट महिलाओं के प्रजनन क्षमता की जांच करने के लिए एक महत्वपूर्ण है। यह टेस्ट महिलाओं को उनकी फर्टिलिटी की समस्याओं की जांच करने और उचित उपचार की योजना तैयार करने में मदद करता है। यदि किसी महिला को गर्भावस्था की योजना बनाने में समस्या होती है, तो उसे अपने फर्टिलिटी डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और एएमएच टेस्ट की सलाह लेनी चाहिए।